नयी दिल्ली/मुंबई : महाराष्ट्र में हाई वोल्टेज सियासी ड्रामे के बीच गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के साथ मौजूद शिवसेना के 43 बागी विधायकों की पहली ग्रुप फोटो सामने आई है। आज सुबह उद्धव ठाकरे के कट्टर समर्थक रहे 4 और विधायकों के गुरुवार को गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल पहुंचने के बाद बागियों की संख्या 39 से बढ़कर 43 हो गई है। कहा जाता है कि आज बागी गुट से जुटे विधायकों में गुलाबराव पाटिल, योगेश कदम, चंद्रकांत पाटिल और मंजुला गावित शामिल हैं।
उद्धव के कट्टर समर्थक 4 और एमएलए हुए बागी
इनमें चंद्रकांत पाटिल जलगांव से निर्दलीय विधायक हैं और उन्हें अजीत पवार का करीबी माना जाता है जबकि योगेश कदम शिवसेना नेता रामदास कदम के बेटे हैं। यह भी साफ है कि रामदास कदम एकनाथ शिंदे की बगावत का समर्थन कर रहे हैं। विधायक गुलाबराव पाटिल को उद्धव ठाकरे के कट्टर समर्थक माना जाता है और उनके गुवाहाटी आने से हर कोई आश्चर्य कर रहा है। उद्धव के लिए हालात कितने गंभीर हो गए हैं इसका अंदाजा उन्हें भी है। इसीलिए उन्होंने अपना सरकारी आवास ‘वर्षा’ छोड़ दिया है और मातोश्री में गए हैं।
दलबदल कानून से ज्यादा नंबर शिंदे के पास
जिस तरह शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के गुट से उद्धव के विधायक जुड़ रहे हैं, उससे तो यह सवाल भी उठने लगा है कि असली शिवसेना पार्टी कौन सी है? शिंदे वाली, या फिर उद्धव ठाकरे वाली? एकनाथ शिंदे गुट के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी दलबदल कानून के दायरे में आने से बचना। लेकिन अब ऐसा लगता है कि उन्होंने वह चुनौती भी अब पार कर ली है। दलबदल कानून से बचने के लिए बागी गुट में शिवसेना विधायकों की संख्या कम से कम 37 होनी चाहिए। लेकिन ताजा अपडेट के अनुसार शिंदे के गुट में अब कुल 43 विधायक हो गए हैं।
पवार की सलाह, शिंदे को सौंप दे सीएम पद
ऐसे में उद्धव के लिए एक और बड़ा सिरदर्द यह सामने आ सकता है कि एकनाथ शिंदे के गुट को ही असली शिवसेना का दर्जा मिल जाए क्योंकि उनके साथ ही पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा विधायक हैं। उधर यह भी खबर है कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने उद्धव को यह सलाह दी है कि यदि पार्टी बचानी है तो एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दें। अब देखना है कि महाराष्ट्र में सत्ता का संग्राम क्या करवट लेता है, लेकिन इतना तो तय है कि वहां सीएम पद की सियासी चाबी फिलहाल एकनाथ शिंदे की जेब में ही पड़ी है।