ग्रामीण विकास मंत्री के बयान से उठा सवाल, बिहार में 2022 तक सभी बेघरों को घर का सपना कैसे होगा पूरा

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पटना : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 2022 तक सभी बेघरों को घर देने की योजना का लक्ष्य पूरा होने पर बिहार में अभी से सवालिया निशान लगा है। बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बुधवार को यहां कहा कि राज्य में 50 लाख से अधिक बेघर परिवार हैँ पिछले दो वर्षों में लगभग छह लाख बेघरों के घर बने हैँ। इस वर्ष 8 प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 8 लाख घर बनेंगे केन्द्र को 32 लाख बेघर परिवारों की सूची भेजी गयी हैँ। ग्रामीण विकास विभाग की लगभग 177 अरब रुपये की अनुदान मांग विधानसभा में स्वीक्रत होने के बाद मंत्री अपने कक्ष में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 8 लाख लंबित आवासों को पूर्ण करने का लक्ष्य पूरा करने हेतु 59 अरब रुपये का बजट है। इसमें केन्द्र से 48 अरब रुपये मिलेंगेँ विधानसभा ने ध्वनि मत से विभाग की अनुदान मांग विपक्ष की गैर मौजूदगी में स्वीकृत कर दिया। विपक्षी सदस्यों ने मंत्री के उत्तर पर असंतोष प्रकट करते हुए सदन से बहिर्गमन किया। उन्होंने माना कि बिहार में सभी बेघरों के लिए तीन वर्षो में यानी 2022 तक लक्ष्य पूरा होना कठिन चुनौती है। यह पूछने पर मौजूदा गति से क्या बेघरों के लिए घर बनाने में कम से कम 15 वर्ष नहीं लग जायेंगे, मंत्री ने बगली झांक ली। उन्होंने कहा कि लक्ष्य तो केन्द्र ने तय किया है। घन उसे देना है। धन मिलेगा तो प्राथमिकता के आधार पर लक्ष्य पूरा करने का भरसक प्रयास हो सकता है। परंतु, बेघर परिवारों की संख्या 50 लाख से अधिक हो जा सकती है।

(Arun Kr pandey)

swatva

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