नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने बीते दिन सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने जिला स्तर तक मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए एक पोर्टल स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। सर्वोच्च अदालत मानसिक रूप से बीमार लोगों के अस्पतालों या पागलखानों में पुनर्वास से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने दायर की है।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र से पोर्टल के कार्यान्वयन के संबंध में एक हलफनामा दायर करने को कहा। सुनवाई के दौरान, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने अदालत को एक डैशबोर्ड के बारे में अवगत कराया जिसे सरकार मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए पोर्टल पर डालने की योजना बना रही है।
अदालत को यह भी बताया गया कि सभी राज्य सरकारों को 15 दिनों के भीतर प्रदर्शन के लिए बुलाया जाता है और पोर्टल एक महीने के भीतर काम करना शुरू कर देगा। सर्वोच्च न्यायालय ने पहले केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वह अपने ऑनलाइन डैशबोर्ड का एक मॉडल प्रारूप तैयार करके सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रसारित करे।
(हर्षिता पांडेय, जनसंचार विभाग, पटना विवि)