सरकार का आदेश , फिर से BDO के पास होगा पंचायत का अधिकार

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पटना : बिहार में कोरोना संक्रमण के कारण देर से शुरू हुई पंचायत चुनाव को लेकर कुछ दिन पूर्व प्रखंड विकास पधाधिकारी से पंचायत समिति के कार्यों की निगरानी करने का पावर छीन लिया था। लेकिन, अब एक बार फिर से बिहार सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए पंचायत समिति के कार्यों की मॉनिटरिंग करने का अधिकार प्रखंड विकास पधाधिकारी को दे दिया है। विभाग ने यह भी कहा है कि बीडीओ ही समिति की स्थापना का कार्य देखेंगे।

पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी बनाया गया

गौरतलब है कि, बीते दिनों बीडीओ की जगह बीपीआरओ को पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी बनाया गया था। इसको लेकर पंचायत राज अधिनियम में संशोधन भी किया गया था। इसके बाद विभाग द्वारा बीपीआरओ को कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में पदस्थापन किया गया था।

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दरअसल, सरकार ने प्रखंड विकास पधाधिकारी के कार्यों की अधिकता को देखते हुए अधिनियम में संशोधन कर यह व्यवस्था कायम की थी। लेकिन, प्रखंड विकास पधाधिकारी अब विभाग ने एक बार फिर आदेश जारी करते हुए कहा है कि पहले की तरह मॉनिटरिंग और स्थापना का कार्य देखते रहेंगे।

पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन

मालूम हो कि बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन करते हुए कहा था कि DDC और BDO पंचायती राज के अलावा भी कई कार्य होने के कारण पदाधिकारी पंचायत के काम पर अपना पूरा समय नहीं दे पाते थे, इसलिए यह बदलाव जरूरी है।

आदेश कार्यपालक पदाधिकारियों को दी गई शक्ति के विरुद्ध

वहीं, इस फैसले के बाद प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारियों ने आपत्ति जतायी है और विभाग के प्रधान सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में कहा है कि अधिनियम की धारा 61 (ख) में यह प्रावधान है कि पंचायत समिति के अधीन कार्यरत पदाधिकारियों और कर्मचारियों या पदधारकों के कर्तव्यों का निर्धारण, पर्यवेक्षण और नियंत्रण कार्यपालक पदाधिकारी करेंगे। इस तरह यह आदेश कार्यपालक पदाधिकारियों को दी गई शक्ति के विरुद्ध है। ऐसे में दोनों पदाधिकारियों के बीच भ्रम और टकराव की स्थिति बनी रहेगी।

 

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