सरकार करती रही शारीरिक दूरी के दावे, क्वारंटाइन में गर्भवती हुई तब्लीगी जमात की महिलाएं

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पुलिस और प्रशासन की निगरानी में क्वारंटाइन सेन्टर में रह रही तीन विदेशी महिलाएं गर्भवती हो गई हैं।

रांची: दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात का सेंटर है। यहां मरकज के प्रमुख मौलाना साद के नेतृत्व में विभिन्न देशों के हजारों मुस्लिम जमा होते हैं औऱ देश के विभिन्न हिस्सों में इस्लाम का प्रचार-प्रसार करते हैं। इस बार यह आयोजन 13 से 15 मार्च के बीच किया था। इसमें कई देश के नागरिक शामिल हुए थे। जिस समय यह आयोजन हुआ था उस दौरान देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलना शुरू हो गया था।

इस दौरान मरकज से जुड़े 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद देशभर में मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों का पता लगाकर उन्हें क्वारंटाइन किया गया। इस दौरान रांची में पांच विदेशी महिलाएं, उनके पति समेत कई लोग 17 मार्च को राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली से रांची पहुंचे थे। इसके बाद पुरुष हिंदपीढ़ी स्थित मस्जिद में तो महिलाएं वहां के अच्छे घरों में रह रही थी। लेकिन, केंद्र सरकार के एडवाइजरी के अनुसार जमाती लोगों को रांची पुलिस ने 30 मार्च को उन्हें हिरासत में लिया और इनलोगों को रांची स्थित खेलगांव क्वारंटाइन सेन्टर में रखा गया।

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पुलिस और प्रशासन की निगरानी में क्वारंटाइन सेन्टर में रह रही तीन विदेशी महिलाएं गर्भवती हो गई हैं। तीनों महिलाओं ने खुद को एक महीने की गर्भवती बताई थी। जबकि ये महिलाएं 50 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में थीं। जांच व मौखिक आधार पर रिपोर्ट के अनुसार इनमें से एक का गर्भ अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह से मई महीने के प्रथम सप्ताह के बीच का तथा दो महिलाओं का गर्भ अप्रैल के पहले से दूसरे सप्ताह का बताया जा रहा है।

अब सवाल यहां उठना शुरू हो गया है कि क्वारंटीन सेंटर में किसी भी स्थिति में इन लोगों को एक-दूसरे से मिलने की अनुमति नहीं थी। बावजूद इसके इनलोगों का ऐश-मौज जारी रहा। शारीरिक दूरी के नाम पर आपस में शारीरिक संबंध बने, जिसका नतीजा यह हुआ कि क्वारंटाइन सेंटर में रह रही महिलाएं गर्भवती हो गई।

हालांकि 21 जुलाई को जमात से जुड़े लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

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