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घुसपैठियों के चक्कर में अब रविंद्र संगीत की जगह बंगाल में गूंजती हैं गोलियां : शाह

कोलकाता/नयी दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज मंगलवार को पश्चिम बंगाल में ‘डिजिटल रैली’ की। इसमें उन्होंने राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि आज दीदी के बंगाल में रविंद्र संगित की जगह गोलियों और बमों की आवाजें गूंज रही हैं। पीएम मोदी की लोकप्रियता से डरकर दीदी ने बंगाल में आयुष्मान भारत योजना और पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं को लागू नहीं होने दिया। साथ ही राज्य से बाहर कमाने गए श्रमिकों की कोरोना आपदा में अपने घर बंगाल वापसी में रोड़े अटकाये। श्री शाह ने कहा कि ममदा दीदी संभल जाओ क्योंकि यही कोरोना एक्प्रेस वाले श्रमिक आपकी जड़ें बंगाल से खोदने वाले हैं।

भाजपा का सीएम लागू करेगा आयुष्मान भारत योजना

ममता बनर्जी ने बंगाल के प्रवासी श्रमिकों की ट्रेनों को राज्य में आने से रोक दिया था जिससे कई श्रमिक बाहर ही फंसे रहे। अमित शाह ने कहा कि दीदी ने राज्य के गरीबों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं लेने दिया है। उन्हें डर है कि इससे मोदी जी की लोकप्रियता बढ़ जाएगी। गृहमंत्री ने कहा कि चुनाव बाद जब बीजेपी के मुख्यमंत्री शपथ लेंगे तो उसके एक मिनट बाद यहां आयुष्मान भारत योजना लागू हो जाएगी।

अपने 10 साल का हिसाब दें ममता बनर्जी

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा-ममता दीदी मैं तो हिसाब लेकर आया हूं, कल आप अपने 10 साल का हिसाब दे दीजिए। ध्यान से हिसाब देना, बम धमाकों की संख्या ना बता देना, बंद फैक्ट्रियों की संख्या ना बता दीजिएगा, भाजपा के मार दिए गए कार्यकर्ताओं का हिसाब ना बता दीजिएगा। हिसाब आना है तो विकास का लेकर आइए ममता दीदी।

घुसपैठियों को संरक्षण और शरणार्थियों का विरोध पड़ेगा भारी

अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने करोड़ों शरणार्थियों को सम्मान देने का वादा पूरा किया। ममता जी का चेहरा मैंने उस दिन देखा था, गुस्से से चेहरा लाल हो गया था। नाम लेने, बोलने की तमीज नहीं रह गई थी। मैंने इतना गुस्सा कभी को नहीं देखा था। मैं ममता दीदी को पूछना चाहता हूं कि बांग्लादेश से आए बंगाली भाइयों ने आपका क्या बिगाड़ा है। यह बंगाल की जनता जानना चाहती है। उन्हें बताना चाहिए कि वह किन वजहों से विरोध कर रही है। मैं ममता जी जी कहना चाहता हूं कि जब मत पेटियां खुलेंगी तो बंगाल की जनता आपको राजनीतिक शरणार्थी बनाने वाली है। सीएए का विरोध आपको बहुत महंगा पड़ेगा।

एक ही समुदाय के तुष्टिकरण से नहीं चलेगा काम

अमित शाह ने कहा- बंगाल देश का नेतृत्व करता था। कहा जाता था कि आज जो बंगाल सोचता है देश 50 साल बाद सोचता है। लेकिन आज बंगाल को क्या हो गया? जिस बंगाल को सोनार बांग्ला कहते थे, जहां रविंद्र संगीत सुनाई देती थी वह बम के धमाकों से दहल कर रह गया है, गोलियों की आवाज, गोलियों और हत्याओं की चीखों से सुन्न रह गया है। कौमी दंगों से इसकी आत्मा को बहतु बड़ी क्षति पहुंची। सर्वधर्म संभाव के लिए बंगाल का उदाहरण दिया जाता था आज तुष्टीकरण की ओच्छि राजनीतिक करके किसी एक समुदाय को ही प्राथमिकता दी जा रही है। पहले कम्युनिस्ट पार्टी और अब टीएमसी ने बंगाल को गरीबी में धकेला है।