गया : अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र गया को धूम्रपान मुक्त जिला बनाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। इसके लिए शीघ्र ही जिला प्रशासन अभियान चलाएगा। इसका उल्लंघन करने वालों का चलान काटने एवं जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया है। गया जिला के सभी संबंधित अधिकारियों को तम्बाकू नियंत्रण के गुर सिखाने के लिए आज एक संवेदीकरण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित किया गया।
इस मौके पर डीडीसी किशोरी चौधरी ने बताया कि तम्बाकू के दुष्परिणामों से बच्चों और अवयस्कों को बचाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि स्कूलों में इस कार्यक्रम का संचालन किया जाय और सभी शिक्षण संस्थानों के पास से तम्बाकू उत्पाद की दुकानों को यथाशीघ्र हटाया जाए और इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की जाए। सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से तम्बाकू नियंत्रण की आवश्यकता पर बल दिया और बिहार के विभिन्न जिलों में अब तक किये गए गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। श्री मिश्रा ने बताया कि बच्चे व युवा तम्बाकू उद्योग का सबसे सॉफ्ट टारगेट होते हैं, जिन्हें लुभाने के लिए तम्बाकू कंपनियां तरह—तरह के हथकंडे अख्तियार करती हैं। श्री मिश्र ने तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम में सभी विभागों को अपनी भूमिका निभाने का सुझाव दिया। कार्यक्रम में तम्बाकू नियंत्रण के प्रभारी नोडल पदाधिकारी डॉ एमई हक़ ने तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिन्हा, अपर समाहर्ता श्री राजकुमार सिन्हा, पुलिस उपाधीक्षक श्री राजकुमार साह, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र चौधरी, सीड्स के कार्यक्रम पदाधिकारी श्री सुनील चौधरी, धर्मेंद्र कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष कुमार सहित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी आदि ने हिस्सा लिया।
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