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गंगा हो या चिड़ियाखाना, समूचे पटना में छठ की छटा

पटना : छठ महापर्व की बात हो और पटना के गंगा घाटों की चर्चा न हो तो कुछ अधूरा सा लगता है। पटना के घाटों पर छठ की निराली छटा का एक अलग ही नजारा होता है। लेकिन भीड़ में बच्चों और बुज़ुर्गों को होनेवाली तकलीफ की वजह से कुछ लोग मोहल्लों एवं लोकल सार्वजनिक स्थलों पर निर्मित घाटों में भी अर्घ्य देते हैं। ऐसे लोकल घाटों की पटना में काफी अच्छी संख्या है।आइए जानते हैं पटना के इन लोकल घाटों के बारे में और कैसी है यहां की गयी व्यवस्था?

संजय गांधी जैविक उद्यान

शेखपुरा स्थित चिड़ियाखाना में हर वर्ष की भांति इस साल भी छठ व्रतियों के लिए घाट निर्माण का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। यहां जूनियर इंजीनियर पोद्दार ने बताया कि इस बार 20000 से भी ज्यादा लोगों के आने की संभावना है। पिछले साल 10000 हज़ार लोग यहां छठ करने आए थे। यहां तालाब किनारे जो स्लोप है उस ज़मीन को सीढ़ीनुमा बनाया जा रहा है। उसकी मिट्टी को कड़ा बनाने के लिए गोबर के साथ अन्य चीज़ों को मिलाया जा रहा है। पुलिस के साथ कंट्रोल रूम की भी स्थापना की जा रही है। हादसा न हो इसके लिए हमारी टीम के 4-5 लोगों के साथ चिड़ियाखाना के कुछ लोगों की टीम बनाई गई है।

एजी कॉलोनी में गंगा—यमुना—सरस्वती घाट

राजधानी के एजी कॉलोनी के पार्क में गंगा—यमुना—सरस्वती नाम के तीन घाटों का निर्माण किया गया है।छठ कमेटी के संजय सिंह ने बताया कि गंगा घाट पर काफी भीड़ होती है। लेकिन पार्क में आपसी सहयोग और भाईचारा का माहौल होता है। मोहल्ले में सभी एक दूसरे को जानते हैं, इसलिए भी यहां पर छठ करना अच्छा लगता है।

बोर्ड कॉलोनी में युवाओं ने संभाली कमान

वहीं इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड कॉलोनी के घाट का सारा इंतेज़ाम युवओं की टोली करती है। सुशील ने बताया की हर बार चंदा मांगकर घाट को बनाया जाता था, लेकिन इस बार पटना नगर निगम वार्ड पार्षद और हमलोगों की टीम की साझेदारी ही सारी व्य्वस्था की देखरेख कर रही है। पटना नगर निगम के जूनियर इंजीनियर भी इसमें अपना सहयोग और समर्थन दे रहे हैं।

राजवंशी नगर में वीआईपी घाट

राजवंशी नगर में भी स्थानीय लोगों और कमिटी के लोगों के सहयोग से घाट का निर्माण किया जा रहा है। छठ घाट के संयोजक ने बताया कि हमारे इलाके के घाट को पटना नगर निगम ने चयनित किया है और इसके रंग रोग़न में सहयोग भी कर रहा है। इस घाट पर राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, विधयाक नितिन नवीन और संजीव चौरिसिया भी आते हैं।
मानस दुबे