जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यूरोपीय सांसदों का 23 सदस्यीय दल मंगलवार दोपहर दिल्ली से श्रीनगर पहुंचा। वे श्रीनगर में कई स्थानों पर पर जाएंगे। दरअसल, यह दुनिया को कश्मीर की सच्चाई से रूबरू कराने की भारत की पहल है .क्योंकि जब से अनुच्छेद 370 हटा है तब से पकिस्तान कश्मीर को लेकर दुनिया भर में अफवाह फैला रहा है।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने केंद्र सरकार के यूरोपीय सांसदों को कश्मीर भेजने के फैसले पर हैरानी जताई है। वहीं इस फैसले का पूरा विपक्ष ने सवाल खड़ा किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ट्वीट किया ‘यूरोप के सांसदों का जम्मू-कश्मीर दौरे के लिए स्वागत है लेकिन, भारतीय सांसदों पर प्रतिबंध है और एंट्री नहीं है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, ‘कश्मीर में यूरोपियन सांसदों को सैर-सपाटा और हस्तक्षेप की इजाजत लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुंचते ही हवाई अड्डे से वापस भेजा गया। बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है यह।
वहीँ बसपा प्रमुख मायावती ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद वहां की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जम्मू-कश्मीर भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता। कश्मीर दौरे पर गए यूरोपीय सांसदों को लेकर ट्वीट करते हुए ओवैसी ने कहा कि ग़ैरों पे करम अपनों पे सितम,ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर रहने दे अभी थोड़ा सा धरम। कश्मीर दौरे पर गए यूरोपीय सांसदों ने कहा कि यह एक शानदार मौका है जब हम खुद जाकर वहां के स्थिति को देखेंगे और जमीनी हकीकत को समझेंगे।