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गहमर के गागर में समाया साहित्य का सागर

विगत 5 साल से अखंड गहमरी की तरफ से आयोजित हो रहे गहमर साहित्य सम्मेलन का आयोजन इस वर्ष 8 और 9 सिंतबर को उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले के गहमर गाँव में हुआ। 1 लाख 28 हज़ार की आबादी वाले इस गाँव में इस वर्ष पूरे देश भर तकरीबन 70 साहित्यकारों का आगमन हुआ। इस वर्ष पटना के चार साहित्यकारों इस सम्मेलन में सम्मानित किया गया।

Gahmar

सुप्रसिद्ध जासूसी उपन्यासकार गोपालराम गहमरी की स्मृति में गहमर में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मेलन का आयोजन 8 और 9 सितंबर को आयोजित किया गया। दो दिन चले इस सम्मेलन में 9 तारीख रविवार को देश विदेश के 35 साहित्यकारो का सम्मान मुख्य अतिथि डा.राजेश सिंह के द्वारा किया गया। रविवार को आखिरी दिन का कार्यक्रम तीन चरणों मे सम्पन्न हुआ। प्रथम चरण के कार्यक्रम में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से बीना बुदंकी काश्मीर को हिन्दी साहित्य के सर्वांगीण विकास में बहुमूल्य योगदान के लिए स्‍व0 सरोज सिंह साहित्‍य सेविका सम्‍मान महिला सम्मान दिया गया।

 

Dr Satish Raj Pushkarna at Gahmar Sahitya Sammelan

हिन्‍दी साहित्‍य की गद्य विधा लघुकथा के क्षेत्र में डॉ. सतीश राज पुष्करणा को अवधेश सिंह लघु कथाकार सम्‍मान, रमेश सैनी जबलपुर को कहानी के क्षेत्र में गंगेश्‍वर उपाध्‍याय कहानीकार सम्‍मान, उपन्‍यास के क्षेत्र में बलदेव त्रिपाठी जी लखनऊ को गोपाल राम गहमरी उपन्यासकार सम्‍मान, व्यंग्य के क्षेत्र में अरूण अर्णव खरे भोपाल को डा0 सुनील सिंह व्‍यंग्‍य साधक सम्‍मान, आलोचना विधा में बिहार के डा. रमेश तिवारी को अमर सिंह उर्फ नल सिंह आलोचक सम्‍मान, श्रीधर द्विवेदी को अनुवादक कैप्‍टन राम रूप सिंह स्‍मृति सम्‍मान अनुवादक सम्‍मान, हास्य के क्षेत्र में पटना के विश्वनाथ शर्मा को गोबर गणेश हास्‍य स्मृति सम्‍मान, शिक्षा के क्षेत्र में भोपाल के प्रभात पांडेय को मान्धाता सिंह स्मृति सम्मान, हिमाचल के विजयी भरत दीक्षित को संगीत शिक्षक स्‍व0 रामयश सिंह तहसीलदार संगीत शिक्षक सम्‍मान, भाषा एवं बोली पर गीता शर्मा को महेश्वर प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान, गहमर में सम्‍हिन्दी एवं संस्‍कृत साहित्य के सर्वागीण विकास में बहुमुल्य योगदान के लिए देवी सहाय पान्डेंय अयोध्या को राज धाम देव साहित्‍य शिखर सम्‍मान, लेख आलेख के क्षेत्र में विवेक रंजन श्रीवास्तव को डा0 विवेकी राय साहित्‍य गौरव सम्‍मान, समीक्षा के क्षेत्र में सोनभद्र के डॉ. चन्द्रशेखर तिवारी को स्‍व. बालमुकंन्‍द सिंह समीक्षक सम्‍मान, गीत के क्षेत्र में विनोद कैमूरी कैमूर को भोला नाथ गहमरी गीत गौरव सम्‍मान, ग़ज़ल के क्षेत्र में प्रतापगढ़ के डा. संगमलाल त्रिपाठी भँवर को पंडित शीतल प्रसाद उपाध्‍याय गज़ल गौरव सम्‍मान, उदय गुप्‍ता आजतक चंदौली को स्‍व. दिलीप सिंह स्‍मृति पत्रकार गौरव सम्‍मान, विदेश में रह कर हिन्‍दी में कार्य करने के लिए अंजली पटेल नेपाल को हिन्‍दी मित्र सम्‍मान, वाराणसी की डॅा संगीता श्रीवास्तव को कविता के क्षेत्र में, आगरा की सविता मिश्रा को पंडित कपिल देव द्विवेदी स्‍मृति समाजसेवी सम्‍मान, लखनऊ के प्रो. विश्वम्भर शुक्ल को साहित्य सरोज साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

Sahityakar sammanit

समारोह के दौरान शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उदय प्रताप पव्लिक स्कूल की बच्चीयाँ मानसी, वैष्णवी, वंशिका, सुलोचना, अन्नया ने गणेश वंदना, कजरी, स्वागत गीत की प्रस्तुति की, वही गहमर इन्टर कालेज गहमर की खुशी उपाध्याय ने माई रे तनी कोखिया,माधुरी कुमारी ने कौख में न मारो की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर आसाम से आये कलाकारो ने आसाम का लोक नृत्य वीहू प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जमानियाँ विधायक सुनीता सिंह रहीं। उन्होने गया की नीतू गुप्ता, कटनी की सुभाष सिंह को सम्मान दिया। कार्यक्रम के अंतिम सत्र कवि सम्मेलन एवं समापन समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह के प्रतिनिधि मन्नू सिंह रहे। उक्त कवि सम्मेलन में गया की नीतू गुप्ता ने” जिन्दगी के सफर में चल तुझे राही बना लेगें, हमराही बना लेगे तुझे साथी बना लेगे से हुई। आसाम तेजपुर से आई रीता सिंह सर्जना ने बिटिया हमारी नाजो से पली, प्रस्तुत किया। कवि सम्मेलन में उमाशंकर मनमौजी मध्यप्रदेश, उमाशंकर पाठक बिहार, ठा सुबाष सिंह, प्रीति गौड़, इत्यादि ने कविता पाठ किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता शीतकंठ जी ने किया। संचालन स्वयं अखंड गहमरी ने किया। उक्त अवसर पर दुर्गा चौरसिया,डॉ ए पी राय, देव उपाध्याय,प्रमोद सिंह, संजय सिंह,आनंद गहमरी,प्रशांत, उज्ज्वल प्रताप,सुनील जायसवाल,विवेक सिंह आदि लोग मौजूद रहे।