नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनवों में मु्फ्त रेवड़ी बांटने के राजनीतिक दलों के ट्रेंड को काफी सख्त लहजों में खतरनाक बताया। देश में बढ़ती महंगाई और अर्थव्यस्था के कमजोर होने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने फ्री रेवड़ी बांटने की राजनीतिक दलों की मानसिकता को बड़ा कारण करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि चुनाव के समय राजनीतिक दलों की ओर से चुनावों में मुफ्त रेवड़ी देने का वादा करना एक गंभीर और खतरनाक प्रवृति है जो बढ़ती जा रही है। इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है।
वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने इससे संबंधित जनहित याचिका दायर की है जिसमें वोटरों को लुभाने के लिए मुफ्त का वादा चुनाव में जनता से करने वाले राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि कोई नहीं कहता कि यह कोई मुद्दा नहीं है। यह एक गंभीर मुद्दा है। जिन्हें मिल रहा है वे बहाना करते हैं कि ये सभी कल्याणकारी योजनाएं हैं। लेकिन जो आम जनता टैक्स देती है उसे यह पूछने का हक है कि उनके टैक्स का उपयोग विकास के लिए होना चाहिए न कि चुनावी रेवड़ी पूरी करने में।