गया से तक दरभंगा तक बनेगा फोरलेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे
पटना : बिहार के पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से गया जिले के जीटी रोड से प्रस्तावित इस्ट-वेस्ट कोरिडोर को सम्पर्कता प्रदान करने वाले आमस-दरभंगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बिहार के विकास को नई गति देगा। राज्य के सात जिलों से होकर गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर साढ़े सात हजार करोड़ रूपये के व्यय का अनुमान है।
लगभग 212 किलोमीटर लम्बी सड़क
पांडेय ने बताया कि लगभग 212 किलोमीटर लम्बी यह सड़क गया, जहानाबाद, नालंदा, पटना, वैशाली, समस्तीपुर और दरभंगा से होकर गुजरेगी। चार लेन वाले इस ग्रीन फील्ड पथ के तहत उपरोक्त सात जिले के 233 राजस्व गांवों में 1382 हेक्टर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई प्रारम्भ की जा चुकी है। भू-अर्जन के कार्य को राष्ट्रीय उच्च पथ अधिनियम वे प्रावधानों के अन्तर्गत शीघ्रता से पूरा करने के लिए कड़ा अनुश्रवण किया जा रहा है। विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा स्वयं सातों जिले के सक्षम अधिकारियों के साथ भूमि अधिग्रहण के मामले में स्वयं समीक्षा बैठक करते हैं।
इसके आगे पांडेय ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण द्वारा 07 जिलों के भू-अर्जन कार्य हेतु किसानों को भुगतेय राशि की स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इस परियोजना में किसानों को फरवरी 2021 के शुरू में क्षतिपूर्ति का भुगतान प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मार्च 2021 तक इस परियोजना के लगभग 4 पैकेज की निविदा आमंत्रित कर दी जाय। निविदा प्रक्रिया के निष्पादन के बाद माह जून 2021 से इस परियोजना में सरजमीन पर कार्य प्रारंभ करने का प्रयास है।
पांडेय ने इस एलाइन्मेंट की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना का एलाईन्मेंट आमस, मथुरापुर, गुरारू, पंचानपुर, बेला, इब्राहिमपुर, ओकरी, पभेरा, रामनगर, सबलपुर, चकसिकन्दर, दभैच, बहुआरा, शाहपुर बधुनी (ताजपुर), शिवनन्दनपुर (बूढ़ी गंडक), बासुदेवपुर, रामनगर (लहेरियासराय), बेला नवादा (दरभंगा) के पास से गुजरेगा।
इसके साथ ही उन्होंने इस परियोजना के निर्माण कार्य में अत्यधिक तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय पदाधिकारी से परियोजना की निविदा प्रक्रिया शीघ्र करने हेतु अग्रिम तैयारी करने व भू-अर्जन से संबंधित राज्य सरकार की एजेन्सियों को इस महत्वाकांक्षी परियोजना में अत्यधिक विशेष तत्परता बरतने की अपेक्षा की है।