आचार संहिता उल्लंघन मामले में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह बरी, नहीं मिला साक्ष्य
पटना : पुर्व सांसद और बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह को बड़ी राहत मिली है। महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में छपरा कोर्ट से राहत मिली है।
पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह एमपी- एमएलए और एमएलसी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सह एएसीजीएम प्रथम रणधीर कुमार के कोर्ट में उपस्थित हुए थे। उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आचार संहिता उल्लंघन के मामले में शामिल होने से स्पष्ट तौर पर इनकार किया जिसके बाद विशेष न्यायाधीश ने शहर के भगवान बाजार थाने में दर्ज आचार संहिता के उल्लंघन मामले में साक्ष्य के अभाव के कारण प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया।
मालूम हो कि तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश्वर प्रसाद ने 16 अप्रैल 2014 को महाराजगंज के पूर्व सांसद पर आचार संहिता उल्लंघन करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। एफआईआर में कहा गया था कि 12 अप्रैल 2014 को सारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नामांकन पत्र दाखिल करने के पश्चात जिला स्कूल के बोर्डिंग मैदान में आयोजित आमसभा में भाषण के दौरान पूर्व सांसद ने आचार संहिता का उल्लंघन किया था।
प्रभुनाथ सिंह के ऊपर आरोप लगा था कि इन्होंने अपने भाषण के दौरान मतदाताओं से अपील किया था कि “ईवीएम पर जईह, जान के परवाह मत करिह, एगो बने त एगो दबइह, दु गो बने त दु गो दबइह , मौका मिले तो दो चार सौ दबइह।”
गौरतलब है कि बाहुबली नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह हत्या के मामले में इन दिनों जेल में सजा काट रहे हैं। दरअसल 3 जुलाई 1995 को शाम के तक़रीबन 7.20 में पटना के आवास में विधायक अशोक सिंह की बम मारकर हत्या कर दी गई।हत्या में प्रभुनाथ सिंह और उनके भाई दीनानाथ सिंह को आरोपी बनाया गया था।