पटना : बिहार में अप्रैल से मई के महीनों के बीच पंचायत चुनाव करवाने का अनुमान लगाया जा रहा है। गांवों में पंचायत चुनाव को लेकर अब माहौल बनने लगा है। हालांकि चुनावी तारीख अभी घोषित नहीं हुई है लेकिन संभावित प्रत्याशियों ने ताकत दिखानी शुरू कर दी है। इधर बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के साथ ही साथ पंचायती विभाग की तरफ से प्रत्याशियों के लिए एक नया ऐलान किया गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग के साथ ही साथ पंचायती विभाग की तरफ से कहा गया है कि पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को पहले नल जल योजना पूरी करनी होगी। दरअसल, पंचायती राज विभाग की तरफ से कहा गया है कि नल जल योजना का कार्य पूरा नहीं करने वाले जनप्रतिनिधि को पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलेगी। इसको लेकर विभाग विभिन्न ग्राम पंचायतों में मालूम कर रहा है कि किन वार्डों में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना पूरी नहीं हुई है।
पंचायती राज अधिनियम में प्रावधान
इसके आगे विभाग ने कहा है कि पंचायती राज अधिनियम में प्रावधान है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा जानबूझ कर कार्य में कोताही बरतना पद से हटाए जाने का आधार है।इसी को आधार बनाते हुए नल जल योजना को पूरा नहीं करने वाले जनप्रतिनिधियों को पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलेगी।
जानकारी हो कि नल जल योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायतों के नेतृत्व में वार्ड प्रबंधन एवं क्रियान्वयन समिति द्वारा किया जाता है। इसका रखरखाव भी इन संस्थाओं को ही करना है। अतः जिन पंचायतों में कार्य अपूर्ण है उन पंचायतों के जनप्रतिनिधि और आगामी चुनाव में भाग लेने में कठनाई होगी। इसको लेकर विभागों ने सभी जिलों के पंचायती राज पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि वह सभी जनप्रतिनिधियों को इस संबंध में सूचना अनिवार्य रूप से दे दें।
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने मधुबनी के जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वहां पर 675 वार्डों में अभी भी नल जल योजना का कार्य अपूर्ण है। कई मामलों में संवेदक और वार्ड सदस्य के मिलीभगत से राशि गबन कर ली गई है। इसको लेकर जिन मामलों में प्राथमिकी दर्ज हुई है। उन सभी में अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें।