पटना : मीडिया के वर्तमान परिदृश्य पुस्तक का विमोचन करने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मीडिया में आए बदलाव को रेखांकित करते हुए कहा कि मीडिया समाज का दर्पण है। लेकिन, मीडिया पर भी एक सामाजिक दायित्व है कि नकारात्मकता को ना फैलाएं और अंधविश्वास को बढ़ावा ना दें। क्या बात बोलने में भी खतरा है क्योंकि अगर कोई नेता या अभिनेता मीडिया की आलोचना करता है तो वह अखबार या चैनल उसे छापना या दिखाना बंद कर देते हैं। इसी कारण कोई मीडिया की आलोचना नहीं करना चाहता। मीडिया के साथ सोशल मीडिया का तेजी से विस्तार हुआ है। इसके सही उपयोग से ज्यादा दुरूपयोग की खबरें आती है। देश में कहीं धंधा है कोई बुरी घटना होती है तो तेजी से उसके बारे में अफवाह सोशल मीडिया के माध्यम से फैलती है। इन अफवाहों से बचने के लिए सोशल मीडिया पर एक तरह का नियंत्रण जरूरी हो जाता है।
उन्होंने इमरजेंसी के दौर को याद करते हुए मीडिया पर लगी पाबंदी की बात कही और महाभारत काल से संजय का उदाहरण देकर बताया कि पत्रकारों को किस प्रकार से खबरों की रिपोर्ट निष्पक्ष रुप में करनी चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार राकेश प्रवीर द्वारा लिखी पुस्तक मीडिया का वर्तमान परिदृश्य के बारे में उन्होंने कहा कि मीडिया में चल रही समसामयिक चीजों को इस पुस्तक में बड़े ही सिलसिलेवार और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है अगर किसी को मीडिया की समझ रखनी है खासकर युवाओं को तो उन्हें यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए। युवाओं को उन्होंने नसीहत दी कि सोशल मीडिया का जहां तक हो सके समाज की भलाई के लिए उपयोग करें ना कि किसी अफवाह को फैलाने में इसकी मदद लें अथवा इसका दुरुपयोग करें।
लेखक राकेश प्रवीर ने कहा कि एक बार जब मैं और सम्मानित पत्रकार प्रभाष जोशी दिल्ली से जयपुर जा रहे थे. उनसे मीडिया को लेकर ही बातें हो रही थी और उस समय पेड न्यूज़ नामक बीमारी आयी थी और राज्यपाल लालजी टंडन ने पेड न्यूज़ को लेकर सवाल उठाया था। उस समय पेड न्यूज़ के कारण मीडिया की विश्वसनीयता घट रही थी। इसी बात से परेशान होकर प्रभाष जोशी ने कहा था कि राकेश अगर इस बुराई के खिलाफ कुछ कर सकते हैं तो आप ज़रूर करना। उनकी यही बात सुनकर मुझे प्रेरणा मिली और मैंने यह किताब मीडिया का वर्तमान परिदृश्य को लिखा।
राकेश प्रवीर ने कहा कि यह भी कहा कि आज के समय में खबर प्रोडक्ट है समाचार नहीं है और यह पेड न्यूज़ के कारण हुआ है। इसीलिए
प्रभाष जोशी अक्सर कहते थे कि सिगरेट हानिकारक है और उसके डिब्बे पर लिखा होता है ध्रूमपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तो उसी तर्ज पर समाचार पत्र पर यह लिखा होना चाहिए कि यह समाचार पत्र पढ़ना समाज के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
मंच संचालन कर रहे वरिष्ठ लेखक पत्रकार डॉ ध्रुव कुमार ने मीडिया की विश्वसनीयता के बारे में कहा कि हाल में लता मंगेशकर के निधन की खबर की अफवाह सोशल मीडिया और कई सारे न्यूज़ पोर्टल पर चलने लगी थी तब उन्होंने इस खबर की पुष्टि के लिए आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाली बुलेटिन को सुना और उसके बाद आश्वस्त हो गए कि यह खबर गलत है। यही कारण है कि सैकड़ों अखबार, टेलीविजन, न्यूज़ चैनल और न्यूज़ पोर्टल के आ जाने के बावजूद आज भी दूरदर्शन और आकाशवाणी की विश्वसनीयता देश के करोड़ों दर्शकों में कायम है।