ऐपवा का नया नारा—’लड़ेगी बेटी, पढ़ेगी बेटी’

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पटना : सरकार के ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाव’ को अब ऐपवा अपने ही अंदाज में टक्कर देगी। ‘लड़ेगी बेटी, पढ़ेगी बेटी’ का नया नारा देते हुए वाम संगठनों ने आज राजधानी के आईएमए हॉल में छात्रा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें पटना समेत बिहार के कई जिलों की छात्रओं ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के तौर जेएनयू की पूर्व अध्यक्ष गीता कुमारी ने कहा कि बदलते समय की मांग है कि छात्राएं सशक्त बनें। इस मौके पर ऐपवा की अध्यक्ष सरोज चौबे ने बेटियों से अपने हक के लिए निडर होकर लड़ने की अपील की। जबकि आईसा बिहार के अध्यक्ष मुख्तार ने बताया कि पूरे देश में छात्राओं—महिलाओं में परिवर्तन हो रहा है। छात्राएं शिक्षित तो हो रही हैं। लेकिन जो शिक्षा उन्हें मिलनी चाहिए वो नहीं मिल पा रही है। उन्हें सुरक्षा भी नहीं मिल रही है। उदहारण के लिए अभी हाल ही में वैशाली में एक लड़की का रेप और मर्डर कर दिया गया। कस्तूरबा विद्यालय की स्थिति भी अच्छी नहीं है। सरकारी स्कूलों में न पढ़ने की व्यवस्था है, न टीचर का पता है।इसीलिए भारत सरकार के ” बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” के जवाब में हमने नारा दिया है ” लड़ेगी बेटी, पढ़ेगी बेटी, बढ़ेगी बेटी”। आज के छात्र संवाद का उदेश्य छात्राओं को मजबूत बनाने के लिए है। इस अवसर पर पटना यूनिवर्सिटी के पूर्व विभागाध्यक्ष भरतेश कुमार, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, ऐपवा के राज्य सचिव शशि यादव, सरोज चौबे सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

मानस दुबे 

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