श्रीलंका में भीड़ का संसद पर हमला, फायरिंग और आंसू गैस के बाद आपात काल लगाया
नयी दिल्ली : श्रीलंका में वहां के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव भागने के बाद हालात बेहद बेकाबू हो गए हैं। पूरे देश के जंग का मैदान बनने के बाद वहां आपात काल लगा दिया गया है। आम जनता राजपक्षे परिवार पर काफी गुस्से में है और जगह-जगह आगजनी तथा दंगा फसाद होने की खबर है। लोगों ने संसद भवन और पीएम आवास पर फिर से धावा बोल दिया और तोड़फोड़ कर रहे हैं। इसबीच खबर है कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है।
राष्ट्रपति गोटबाया के मालदीव भागने के बाद हिंसा
जानकारी के अनुसार सरकार और सेना को प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मार देने और गिरफ्तार करने के आदेश दिये गए हैं। कहा गया कि आज जैसे ही राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भागने की खबर फैली, लोगों ने संसद भवन पर धावा बोल दिया। पुलिस ने लोगों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे फिर फायरिंग की। लेकिन आज जनता रुकी नहीं और संसद भवन के अंदर घुस गई। भीड़ का एक दूसरा गुट पीएम आवास जा पहुंचा और उस पर कब्जा करने के बाद तोड़फोड़ शुरू कर दी। लोग राजपक्षे द्वारा अभी तक इस्तीफा न दिये जाने से काफी गुस्से में आ गए थे और हिंसा पर उतारू हो गए।
भारतीय उच्चायोग का भागने में मदद पर खंडन
बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति राजपक्षे श्रीलंका की वायुसेना के विशेष विमान की मदद से मालदीव की राजधानी माले पहुंचे हैं। गोटाबाया के साथ उनकी पत्नी और बॉडीगार्ड भी मालदीव गए हैं। गोटाबाया राजपक्षे को इस्तीफा देना था लेकिन उन्होंने अभी तक इसका ऐलान नहीं किया है। इस बीच श्रीलंका के सोशल मीडिया में दावा किया जाने लगा कि भारत ने गोटाबाया को मालदीव भागने में मदद की। इस अफवाह पर भारतीय उच्चायोग ने तत्काल ट्वीट करके इसका पुरजोर खंडन किया है।