पटना : बिहार पुलिस में आलाधिकारियों की लाॅबीबाजी के कारण ही बाहुबली विधायक अनंत सिंह पिछले दिनों फरारी के बाद पटना स्थित अपने गुप्त स्थान से दिल्ली में साकेत कोर्ट तक की यात्रा तय सके। यह बात पटना के ब्यूरेक्रेटिक गलियारे में सोमवार की सुबह से ही तैर रही है। ताजा आलम ये कि अनंत सिंह को राजनीतिक सहयोग के लिए भी अफसरों में लामबंदी हो गयी है। एक वरिष्ठ आईपीएस का नाम इस सिलसिले में दबी जुबान लिया जा रहा है जिसने अनंत सिंह की भरपूर मदद की। वैसे भी बिहार के वरीय पुलिस अफसर रातनीतिक लाॅबीबाजी में भी उतना ही भरोसा रखते हैं, जितना विभागीय दांव-पेंच में। हाल में डीजीपी ने भी अपने फेसबुक अपील में बिहार पुलिस में मौजूद इसी लॉबिंग सिंडिकेट की ओर ईशारा किया था।
नीतीश खुद अनंत से खफा हो गये थे
सूत्रों ने बताया कि नेशनल मीडिया में छोेेटे सरकार से संबंधों को लेकर किरकिरी झेल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद उन्हें निबटा देने की ठानी थी। लेकिन, कानून के हथियार से। दूसरी तरफ अनंत अपने ही मद में चूर थे कि उनका कोई बाल बांका भी नहीं कर सकता। इस बीच, नीतीश कुमार के जब खासमखास मित्र सरीखे नेता ललन सिंह ने मुंगेर लोकसभा से खम ठोंका तो अनंत भी भारी दौलत लेकर मैदान में कूद पड़े। मतलब, उनकी पत्नी मैदान में आ गयी। गजब सुर्खियां बनने लगीं।
ललन से नाराज अफसरों ने की मदद
सूत्रों ने बताया कि अपनी दबंगई और रसूख के प्रदर्शन से ललन सिंह ने कई आईएएस व आईपीएस अधिकारियों को नाराज कर दिया था। मतलब, ललन की रौब झाड़ने की आदत ने कई पुलिस अफसरों को उनकी लाॅबी से दूर कर दिया। तब, अनंत सिंह ने फरारी के संकट काल में उन्हीं नाराज अफसरों से मदद मांगी और मैदान में डटे रहे। उसी लाॅबी ने अनंत को पटना से दिल्ली कोर्ट तक पहुंचने का मार्ग बेहद गोपनीय तरीके से प्रशस्त करा दिया।
दिल्ली में भी है पुलिस की लॉबिंग का असर
बताया जाता है कि दिल्ली में उक्त आईपीएस अफसर की जबर्दस्त पकड़ है, और उनके प्रभाव में आकर इस आईपीएस लाॅबी ने दिल्ली तक में अनंत की काफी मदद की। सरेंडर के पूर्व दिल्ली में अनंत सिंह ने देश के एक जाने-माने अधिवक्ता से यूएपी एक्ट पर लंबी-चौड़ी सलाह भी ली।