सारण : बिहार में तीन वर्षों से शराबबंदी कानून लागू है। मुख्यमंत्री का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। लेकिन इस कानून के लागू होने के तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी शराब पर रोक तो दूर, इसकी तस्करी का ऐसा नेटवर्क खड़ा हो गया है जिसमें वर्दी वाले ऊपर से लेकर नीचे तक सराबोर हैं। एसपी—दारोगा से लेकर कई पुलिस वाले इस एक्ट की धज्जियां उड़ाते पकड़े भी गए हैं। अब एक हवलदार ने मुख्यमंत्री के सिर से दारूबंदी एक्ट का नशा उतारने का कारनामा कर दिखाया है। थाने से शराब गायब होना और चूहों द्वारा शराब पी जाना तो पहले ही सुर्खियां बन चुका था, अब हवलदार के कारनामे ने सीएम के ड्रीम एक्ट की हवा पूरी तरह निकाल दी है।
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सारण एसपी के औचक निरीक्षण से खुला मामला
मामला छपरा जिले के रसूलपुर थाना परिसर की है। यहां एसपी हरकिशोर राय ने पुलिसकर्मियों के आवास का तड़के औचक निरीक्षण किया। जांच के क्रम में हवलदार बासित खान के कमरे से छह बोतल अंग्रेजी शराब बरामद की गईं। एसपी के निर्देश पर हवलदार के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
लेकिन बड़ा सवाल यह कि जिसपर किसी कानून को लागू करने की जिम्मेदारी हो, यदि वहीं संगठित तरीके से समूचे बिहार में उस कानून की धज्जियां उड़ाने पर तूल जाए तब उस शासन व्यवस्था के निजाम का क्या हाल होगा। बहरहाल, एसपी ने बताया कि शराब के धंधे पर नियंत्रण और पुलिसकर्मियों द्वारा शराब इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए जिले में अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में वह तड़के रसूलपुर थाने का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने थाना परिसर स्थित पुलिसकर्मियों के आवास की जांच की। इस दौरान हवलदार के कमरे में छिपाकर रखी गईं शराब की छह बोतल बरामद की गईं।
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हवलदार के कमरे में शराब कहां से आई और क्यों रखी गई थी, इसकी जांच की जा रही है। आशंका है कि हवलदार ने शराब या तो पीने के लिए रखी या फिर बेचने के लिए। हवलदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया गया है।
विदित हो कि बिहार में अगर शराब की सप्लाई हो रही है उसमें कहीं न कहीं पुलिस की मिलीभगत की बात सामने आती है। कई जगहों पर शराबबंदी में शामिल रहे पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी भी हुई है। बावजूद इसके पुलिसकर्मी इससे बाज नहीं आ रहे।