BPSC पेपर लीक कांड में गिरफ्तार DSP रंजीत रजक सस्पेंड, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना
पटना : 9 मई को हुए BPSC के 67वें प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक कांड में गिरफ्तार होने के बाद जेल में बंद बिहार पुलिस के डीएसपी रंजीत कुमार रजक को अब गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर सस्पेंड कर दिया है। रंजीत कुमार रजक पिछले 21 दिनों राजधानी पटना के एक जेल में बंद हैं। इओयू ने इनको दो बार की पूछताछ के बाद तीसरी बार में पटना से ही गिरफ्तार किया था।
आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी ने डीएसपी रंजीत रजक को तीन दिन की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। आरोपी रंजीत रजक वर्तमान में बिहार स्पेशल आर्म्स पुलिस 14 में तैनात थे। ईओयू की एसआईटी के मुताबिक रंजीत रजक को हिरासत में लेने के बाद जब पूछताछ की गई थी तब वो संतोषप्रद जवाब नहीं दे थे।
एक दशक से बीपीएससी मैं नौकरी दिलाने के धंधे में संलिप्त
जानकारी हो कि, पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी शक्ति कुमार की गया से हुई गिरफ्तारी के बाद डीएसपी रंजीत रजक की संदिग्ध भूमिका सामने आई थी। बतया जाता है कि, वो पिछले एक दशक से बीपीएससी मैं नौकरी दिलाने के धंधे में संलिप्त था। दरअसल रंजीत रजक की मिलीभगत बीपीएससी के सेक्शन ऑफिसर और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के साथ थी। जिसके जरिए वह स्ट्रांग रूम से ओएमआर सीट और मेंस की कॉपी बाहर निकलवाता था और फिर कॉपी भरकर स्ट्रांग रूम में जमा करवा देता था।
जिसके बाद इनसे सख्ती से हुई पूछताछ के दौरान डीएसपी के खिलाफ अहम सबूत हाथ लगे थे। डीएसपी रंजीत रजक से ईओयू के द्वारा जब सवाल-जवाब किया जा रहा था तो वो जांच में सहयोग करने के बजाये इसमें बाधा डालने लगे थे। जिसके बाद भी आर्थिक अपराध इकाई ने तीन दिन तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया था। बताया जा रहा है कि, ईओयू इस मामले में अब रंजीत रजक के भाई व बहनोंई समेत दूसरे परिजनों और उससे जुड़े लोगों से पूछताछ कर सकती है।
गौरतलब है कि, बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र परीक्षा आरंभ होने से करीब 15 मिनट पहले वायरलहो गए थे। वायरल प्रश्न की पुष्टि परीक्षा समाप्त होते ही परीक्षार्थियों ने कर दी थी। इसकी जानकारी सीएमओ को ई-मेल से दी गई थी.जिसके बाद मामले को लेकर आयोग ने जांच कमेटी गठित की और कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। अब इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई द्वारा की जा रही है।जिसमें कई छात्रों, अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आए हैं।