ड्रैगन की आंख में आंख डाल लद्दाख में बन रही सड़क, बिहार/झारखंड के श्रमिक हुए रवाना
रांची/पटना : चीन से तनातनी के बीच भारत पूर्वी लद्दाख में सीमा के नजदीक दो प्रमुख सड़कों का निर्माण कर रहा है। ये सड़केें भारत की सुरक्षा के लिहाज से रणनीतिक रूप से काफी अहम हैं। इनके निर्माण के लिए श्रमशक्ति की आपूर्ति बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से होती है। इसी के तहत आज शनिवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका से करीब 1600 मजदूरों को लद्दाख सीमा के लिए रवाना किया। श्री सोरेन ने झारखंड के इन बहादुर एवं मेहनतकश मजदूरों से भरी विशेष ट्रेन को लद्दाख में होने वाले निर्माण में योगदान के लिए हरी झंडी दिखा रवाना किया।
चाइना सीमा पर इन दो सड़कों का हो रहा निर्माण
लद्दाख में चीन सीमा पर तनाव के बीच बन रही भारत की ये दो सड़कें भारतीय सेना को बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने में मदद करेंगी। इनमें पहली सड़क दरबूक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (DS-DBO) सड़क है जो देश की सबसे उत्तरी चौकी दौलत बेग ओल्डी को कनेक्ट करती है। वहीं दूसरी सड़क ससोमा से सेसर—ला तक बनाई जा रही है। ये काराकोरम पास के नजदीक दौलत बेग ओल्डी तक एक वैकल्पिक रास्ता मुहैया कराएगी। ससोमा-सेसर ला सड़क डीबीओ के दक्षिण-पश्चिम में है।
सीमा सड़क संगठन बना रही सड़कें, छटपटा रहा चीन
दोनों परियोजनाओं को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) बना रही है, जो रणनीतिक सड़कों के निर्माण के लिए लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में चीन की सीमा के पास के क्षेत्रों में काम करता है। सेना के सूत्रों के मुताबिक भारत लद्दाख सेक्टर सहित आगे के क्षेत्रों में रणनीतिक सड़क परियोजनाओं में बाधा डालने के लिए चीनी षडयंत्रों को कामयाब नहीं होने दे रहा। इसी के लिए इन सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
बिहार—झारखंड की श्रमशक्ति को शत्—शत् नमन
इस निर्माण में बिहार और झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों का काफी अहम रोल है। विपरित परिस्थितियों में कड़ी मेहनत करने वाली श्रमशक्ति इन्हीें राज्यों से मिल रही है। भारत—चीन के बीच वर्तमान विवाद को देखते हुए भारत को 255 किलोमीटर लंबी डीएस-डीबीओ रोड को खतरा हो सकता है। ऐसे में सीमा पर वैकल्पिक सड़कों के निर्माण की सख्त जरूरत है। इसे देखते हुए बिहार—झारखंड की श्रमशक्ति की बहादुरी एवं देशसेवा को भारतीय सेना भी सलाम ठोकती है और मजदूर भाइयों को बड़े प्यार से हर चीजें वहां कार्यस्थल पर मुहैया कराती है।