दरभंगा : मिथिला की राजधानी माने जाने वाले दरभंगा में अगले चंद महीनों में दूसरा बड़ा एअरपोर्ट काम करने लगेगा। इसके चालू होने के बाद उत्तर बिहार के लोगों को फ्लाइट पकड़ने के लिए पटना नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा क्षमता से अधिक यात्रियों का भार ढ़ो रहे पटना के जेपी इंटरनेशनल एअरपोर्ट को भी राहत मिलेगी। दरभंगा के इस नए एअरपोर्ट का खास आकर्षण यह है कि यहां के रनवे पर फाइटर प्लेन भी उतर सकते हैं।
अंतिम चरण का काम जारी, उतर सकेंगे फाइटर प्लेन भी
दरभगा के विद्यापति एअर टर्मिनल से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए हवाई उड़ान का सपना जल्द साकार होनेवाला है। यहां अस्थायी टर्मिनल, महानगरों की तर्ज पर पोर्ट केबिन और रनवे निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। हालांकि, बारिश के कारण काम में बाधा आ रही है। फिर भी दरभंगा के इस एअरपोर्ट से अक्टूबर से उड़ान शुरू करने की तैयारी है।
बढ़ाई जा रही रनवे की ऊंचाई, 9 हजार फीट लंबा रनवे
फिलहाल इस एअरपोर्ट पर पूर्व से बने रनवे की ऊंचाई बढ़ाई जा रही है। इसे करीब 28 सेंटीमीटर यानी 10 इंच ऊंचा किया जा रहा है। रनवे बनाने के लिए विशेष तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसमें अलकतरा के साथ सीमेंट भी मिलाई जाती है। दरभंगा एअरपोर्ट का रनवे नौ हजार फीट लंबा है। जबकि, पटना का रनवे छह हजार फीट ही है। कहा जा रहा है कि दरभंगा का रनवे फाइटर प्लेन की उड़ान के लिए भी पूरी तरह से उपयुक्त है। यह बड़े विमानों के उतरने के लिए भी पूरी तरह अनुकूल है।
20 फीट चौड़ी सड़क का हो रहा निर्माण
यात्रियों को जांच के बाद उन्हें विमान तक ले जाने के लिए वायुसेना केंद्र में 20 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण हो रहा है। सेना की चहारदीवारी के ठीक बगल से होते हुए यात्रियों को विमान तक ले जाया जाएगा। यहां बन रहे और अस्थायी भवन के बाहर लोगों को घूमने या वायुसेना केंद्र में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी।