पटना/मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में चमकी बुखार पर लापरवाही बरतने के आरोप में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ दायर मुकदमे में संज्ञान लेते हुए अदालत ने दोनों ही मंत्रियों के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और मंगल पांडे पर मुजफ्फरपुर में सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने परिवाद दायर किया था। अदालत ने कहा कि इस मामले की जांच एसीजेएम करेंगे। इस केस की अगली सुनवाई 28 जून को होगी।
तमन्ना हाशमी ने सीजेएम कोर्ट में दायर मुकदमे में बच्चों की मौत के लिए केंद्रीय और राज्य स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार बताया है। उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में केंद्र सरकार, बिहार सरकार और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है।
अब तक 170 बच्चों की चमकी से मौत
बिहार में चमकी बुखार से अब तक 170 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह बीमारी पिछले 20—25 वर्षों से बिहार में हर साल तांडव मचाती है। विडंबना यह है कि अभी तक इस बीमारी की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है। रिसर्च पर कुछ खास काम नहीं किया जा रहा है। जब तक मामला गरम रहता है सभी इस पर गंभीर होते हैं, फिर जैसे ही मामला ठंडा पड़ता है, सबकुछ लोग भूल जाते हैं। ऐसे में कोर्ट की सक्रियता से कुछ आस बंधी है कि शायद अब इस बीमारी से हमेशा के लिए बिहार को निजात मिल जाए।