नवादा : नवादा सदर अस्पताल में मरीजों का ईलाज भगवान भरोसे से थोड़ा बेहतर तरीके से किया जाता है। थोड़ा बेहतर इसलिए क्योंकि यहां चिकित्सकों की गैरमौजूदगी में कम से कम सुरक्षाकर्मियों ने तो ईलाज का बीड़ा उठा लिया है। यहां लगातार हो रही मरीजों की मौत के बीच जब समाचार संवाददाताओं ने फोटो क्लिक किया जो सारी सच्चाई सामने आ गयी। इसका जवाब यहां पदस्थापित चिकित्सकों के पास कुछ भी नहीं मिला।
यहां प्रसव के लिये आई महिलाओं का ईलाज महिला चिकित्सक की बजाय कार्यरत नर्सों के द्वारा किया जा रहा है। आपातकाल में आये गंभीर रूप से बीमार का ईलाज सुरक्षाकर्मी के भरोसे छोड़ दिया गया है।
सदर प्रखंड लोहरपुरा की सोनवा देवी इसका जीता जागता उदाहरण हैं। उन्हें लकवा मारने के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया। तब वहां डा. बीपी सिंह की ड्यूटी थी। उन्होंने उसका खुद ईलाज न कर सुरक्षा गार्ड को भेज दिया। जब उनसे पूछा गया कि आखिर आपने स्वयं क्यों नहीं मरीज को देखा तो उन्होंने जवाब दिया कि सारा कार्य मैं ही करूंगा? आप इसके संबंध में अच्छा हो हमसे बात न कर अस्पताल अधीक्षक या सिविल सर्जन से बात करें। लाख प्रयास के बाद भी दोनों से बातें नहीं हो सकी।
मामला चाहे जो हो लेकिन यह कटु सत्य है कि सदर अस्पताल नवादा में डाक्टर नहीं बल्कि सुरक्षा गार्ड कर रहे हैं मरीजों का ईलाज। यानी मनुष्य की जान भगवान भरोसे छोङ दिया गया है।
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