पटना : कोरोना संकट को लेकर देशभर में लॉक डाउन जारी है। बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में अभी तक इस वायरस से 12,456 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 1513 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। वहीं 423 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसको लेकर जगह-जगह जांच की जा रही है। लेकिन, जांच करने के लिए जा रहे डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों समेत अन्य लोगों पर हमले हो रहे हैं।
मालूम हो कि बिहार के औरंगाबाद और उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कोरोना जांच करने गई मेडिकल टीम पर पथराव, मारपीट और खूनी हमले की सूचना मिली है। दोनों जगहों पर कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद मेडिकल टीम जांच करने गई थी। जहां मुरादाबाद में एक मस्जिद के बाहर से पथराव किया गया, वहीं बिहार के औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के एक गांव में दिल्ली से आये युवक की जांच करने गई टीम को भीड़ ने घेरकर पीटा। हमले में डीएसपी का सिर फट गया, जबकि उनका बॉडीगार्ड, तीन मेडिकल स्टाफ समेत कई जवान बुरी तरह जख्मी हो गए।
यूपी के मुरादाबाद में ऐसी घटना में डाक्टरों और नर्सों को बुरी तरह पीटा गया। वहां मुरादाबाद के नागफनी थाने के हाजी नेब की मस्जिद इलाके में कोरोना पॉजिटिव एक शख्स की मौत के बाद जांच करने गई मेडिकल टीम को निशाना बनाया गया।
इस तरह के हमले से आहत होकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बीते कुछ दिनों से डॉक्टर और पुलिस के प्रति हिंसा के जो समाचार देखने को मिल रहें हैं, वो मन को व्यथित करने वाले हैं। ऐसे सभी कृत्य मानवता को, संवेदनाओं को और कोरोना से लड़ाई के प्रति हमारे समर्पण को शर्मसार करते हैं। ये हम सभी के लिए एक कठिन समय है, ऐसा समय जो खतरनाक कोरोना वायरस के रूप में मानव जीवन के लिए चुनौती प्रस्तुत कर रहा है। सरकार और विपक्ष ऐसे कठिन समय में एकजुट होकर कार्य कर रहें हैं क्यूंकि प्रत्येक नागरिक को इस समय एक दूसरे के साथ, भरोसे और सहयोग की आवश्यकता है। प्रत्येक देशवासी, प्रत्येक बिहारवासी को जीवन बचाने की इस मुहीम में योगदान देने की आवश्यकता है।
डॉक्टर को पत्थर मारना, ईश्वर को पत्थर मारने के बराबर
तेजस्वी ने कहा कि डॉक्टर ईश्वर का रूप है क्यूंकि वो आपका जीवन बचाते हैं, उनको पत्थर मारना, ईश्वर को पत्थर मारने के बराबर है। पुलिस हमारे लिए संजीवनी का कार्य कर रही है क्यूंकि वो खुद को खतरे में डाल हमारी सुरक्षा का जिम्मा अपने कंधो पर लिए हुए है। हम सब अपने घरों में हैं, परिवार के साथ सुरक्षित हैं, लेकिन पुलिस वाले हमारे लिए सड़कों पर हैं, डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ हमारे लिए अस्पताल में काम कर रहें हैं ,बिना रुके, बिना थके, बिना अपने परिवार से मिले।