नवादा : सुखाड़ का सइड इफेक्ट नवादा में दिखना शुरू हो गया है। खेती में आयी कमी से मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया, नतीजतन उन्होंने पलायन शुरू कर दिया है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों के ईंट—भट्ठों पर काम करने के लिए पलायन कर रहे हैं। अबतक करीब एक लाख से अधिक मजदूरों के पलायन की सूचना है। इन मजदूरों का आर्थिक, शारीरिक और मानसिक शोषण की आशंका को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने विभिन्न श्रम कानूनों के तहत वाहनों की जांच व जब्ती शुरू की।
ऐसे ही एक अभियान में आज रजौली समेकित जांच केंद्र पर पुलिस ने हिसुआ से कोलकाता जा रहे मारूति नंदन व केजीएन बसों पर छापामारी कर दर्जनों मजदूरों को मुक्त कराया। इस क्रम में दोनों वाहनों को जब्त कर लिया गया है। इस बाबत श्रम निरीक्षक के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच आरंभ की गयी है।
बता दें कि जिले से प्रतिवर्ष करीब डेढ़ लाख से भी अधिक मजदूरों का दूसरे राज्यों के ईंट भट्ठा पर काम करने के लिए पलायन होता रहा है। ये मजदूर खाली हाथ जाते हैं और खाली हाथ वापस लौटते हैं। यहां तक कि कई महिला मजदूरों का यौन शोषण व कई की मौत भी हो जाती है। बावजूद पलायन का सिलसिला जारी है। वैसे इस वर्ष जिले में सुखाङ के कारण अधिक पलायन हो रहा है। इसी के मदृेनजर श्रम विभाग ने मजदूरों को अवैध ट्रैफिकिंग से बचाने के लिए अभियान चलाया है।
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