डीएम ने बच्चों से कहा, खेलकर भी बन सकते हो नवाब
गया : गया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर स्कूली बच्चों से कहा कि कहा कि एक जमाना था जब कहा जाता था कि पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब। आज जमाना बदल गया है। आज खेल का भी उतना ही महत्व है। जो छात्र—छात्राएं खेल को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उनके लिए प्रशासन,सरकार उन्हें हरसंभव मदद करेगी और सुनिश्चित करेगी कि उन्होंने जो सपना देखे हैं उसे पूरा किया जाए।
जिलाधिकारी गांधी मैदान अवस्थित हरिहर सुब्रमण्यम स्टेडियम में कला संस्कृति एवं युवा विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन कर रहे थे। मशाल प्रज्वलन एवं गुब्बारे छोड़े जाने के साथ खेल दिवस समारोह का आगाज हुआ तथा जिले के ५९ प्रतिभागी विद्यालयों के खिलाड़ियों ने मार्च पास्ट किया। इसमें गया, बाराचट्टी, शेरघाटी, चेरकी, चाकंद, टिकारी, खाजबत्ती, मानपुर, बोधगया, कोच, डुमरिया, भदान अवस्थित सरकारी एवं निजी विद्यालयों के खिलाड़ी शामिल हुए। तीन दिवसीय जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता में अंडर-१४, अंडर-१७, अंडर-१९ के लड़के एवं लड़कियां कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबॉल, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, ताइक्वांडो, कुश्ती एवं एथलीट प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। प्रतिभागी विजयी टीमें राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अधिकृत किए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने भाग लेने वाले खिलाड़ियों से कहा कि यह अच्छी बात है कि आप स्कूल के समय से ही खेल प्रारंभ कर रहे हैं। खेलकूद पठन पाठन का ही एक अंग है। उन्होंने हिमा दास, मेरी कॉम, पीवी सिंधु का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सभी नामी-गिरामी खिलाड़ी किसी छोटे—छोटे कस्बे, छोटे-छोटे स्कूल, छोटे-छोटे गांव से आए हैं। और आज अपनी प्रतिभा के बदौलत अपने नाम का डंका दुनिया में बजा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा प्रत्येक प्रखंड स्तर पर और इसके नीचे के स्तर पर भी स्टेडियम बनाने का निर्णय लिया गया और बनवाया जा रहा है सरकार सुदूर क्षेत्रों में भी खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विद्यालय स्तर पर ग्राउंड में फुटबॉल , हॉकी, बैडमिंटन और वॉलीबॉल किट उपलब्ध कराने की योजना बना रही है ताकि बच्चे वहां खेल सकें। सरकार द्वारा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए एक प्रोत्साहन योजना भी शुरू की गई है जिसमें प्रतिभावान लब्धप्रतिष्ठ खिलाड़ियों को रुपया पांच लाख तक का अनुदान दिया जाएगा जिसका उपयोग वे कोचिंग, प्रशिक्षण एवं अपने पौष्टिक आहार के लिए कर सकेंगे।
(धीरज गुप्ता की रिपोर्ट)