सारण : बेटी को भारतीय समाज में लक्ष्मी माना जाता है। बेटी का घर में आना लक्ष्मी का आना माना जाता है। अगर दिवाली के दिन लक्ष्मी स्वरुप बेटी का जन्म हो तो वह और भी शुभ माना जाता है या शुभ का संकेत है।
पर छपरा नगरा ओपी थाना क्षेत्र के आफौर पूर्वी टोला में इसके विपरीत मुन्ना रावत ने जो किया है वह न सिर्फ लक्ष्मी की मान्यता को दरकिनार करता है बल्कि मानवता को भी शर्मशार कर ता है।
मुन्ना रावत ने दिवाली के दिन जन्मी लक्ष्मी स्वरुप बेटी को महज 15 हजार में बेच दिया। बताया जाता है कि मुन्ना रावत की पत्नी आशा देवी को पहले से तीन बेटियां है और एक तेरह महीने का बीटा है। बताया जाता है कि वह पहले से ही तीन बेटियां होने के कारण एक बेटी को बेच दिया।
मुन्ना रावत की पत्नी ने महिला हेल्पलाइन को सूचना देकर इस मामले की जानकारी दी और अपने जिगर के टुकड़े को बचाने की गुहार लगाई। महीला ने बताया कि उसका पति नशे की हालत में नवजात बच्ची को पैसे की लालच में बच्ची को बेच दिया।
जब महिला ने बच्ची को वापस लाने को कहा तो उससे 15,000 हजार रुपए का डिमांड किया जिसको लेकर पीड़िता माँ ने महिला हेल्पलाइन की मदद मांगी। महिला आसपास के घरों में चौका बर्तन करके परिवार का पोषण-पालन करती है। घटना के बाद महिला हेल्पलाइन तथा स्थानीय पुलिस जांच व महिला की सहायता में जुट गई है।