देश की आजादी के पहली बार डिजिटल चुनाव प्रचार को लेकर राजनीतिक पार्टियां कमर कस चुकीं हैं। हालांकि एक नया सब्जेक्ट सामने आने से पार्टिंयां असंमजस की स्थिति में है। ऐसे में साईबर कंपनियों की चमक बढ़ गई है।
जानकारी मिली है कि बाहर की कई कंपनियां राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में आने लगीं हैं। एसे में उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पडत्र रहा है बिहार के भूगोल को लेकर।
खास कर दिल्ली और वाराणसी में सक्रिय कई कंपनियों ने यहां वैसे जानकार लोगों के सपंर्क में आने लगी है जिन्हें बिहार के भूगोल के साथ-साथ राजनीति की भी अच्छी जानकारी है।
यह तो स्पष्ट हो चुका है कि सात जून को गृह मंत्री अमित शाह बिहार में डिजिटल चुनाव कैम्पेन की तैयारी का आगाज करेंगे। उसी दिन राजद थाली-लोटा पीट कर अपने तरीके से अमित शाह व भाजपा का विरोध करते हुए चुनावी प्रचार का बिगुल फंूकेगा।
सूत्रों ने बताया कि कई पार्टिंयां साईबर पार्टिंयों से प्रचार के लिए वार्ता भी शुरू कर दी है। कई कंपनियों को बिहार के भूगोल को लेकर कठिनाईयां महसूस कर रहीं हैं।
उधर, भाजपा ने अमित शाह की रैली को लेकर डिजिटल तैयारी शुरू कर दी है। इस संबंध में पार्टी प्रवक्ता राजू झा ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। बिहार में नेट यूजर्स की संख्या पहले से काफी बढ़ी है। इसलिए पार्टी को इस नई शैली के संबोधन से कोई परेशानी नहीं हो रही है।
जानकारी मिली है कि साईबर महत्ता को स्वीकार करते हुए पारंपरिक तरीके से चुनाव प्रचार के लिए मशहूर लालू प्रसाद तथा उनकी पार्टी ने भी साईबर का सहारा लेना शुरू कर दिया है। टवीटर, फेसबुक तथा यू-टयूब का सहारा लेश शुरू कर दिया है।
बहरहाल, बिहार पहली बार आगामी सात जून को पहली बार डिजिटल रैली का गवाह बनेगा।