विशेष राज्य के दर्जा पर एक ही सरकार के मंत्रियों का अलग -अलग सुर
पटना : नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को फिसड्डी राज्य की श्रेणी में आने के बाद अब जदयू और भाजपा के नेता आपस में ही आमने सामने हो गए हैं। भाजपा के तरफ से विशेष राज्य की दर्जा को लेकर जदयू पर हमला किया गया है।
दरअसल, भाजपा के तरफ से आयोजित सहयोग कार्यक्रम में बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता जीवेश मिश्रा ने कहा कि बिहार विकास कर रहा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि इसे विशेष राज्य का दर्जा मिले या ना मिले।
मंत्री ने कहा कि नीति आयोग का जो पैमाना है उसके हिसाब से हमें विकास करने की जरूरत है। हम आने वाले दिनों में और विकास करेंगे। उन्होंने कहा कि सबकुछ का अलग-अलग टाइम होता है और विशेष राज्य के दर्जे का भी भारत सरकार के द्वारा एक पैमाना तय किया गया है।
जीवेश मिश्रा ने कहा कि अभी बिहार को और अधिक विकसित करने की जरूरत है और जब बिहार सभी क्षेत्रों में विकसित हो जाएगा तो फिर यह बात आएगी कि उसे विशेष राज्य का दर्जा मिलता है या नहीं मिलता है। फिलहाल यह बात मायने नहीं रखता है कि विशेष राज्य का दर्जा मिले या ना मिले। हमें अभी विकास करने की जरूरत है।
राज्य को समृद्ध बनाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी
वहीं, इससे पहले बिहार सरकार में मंत्री और जदयू के नेता विजेंद्र यादव ने कहा कि राज्य को अगर समृद्ध बनाना है तो विशेष राज्य का दर्जा सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग को ऐसी रिपोर्ट नहीं बनानी चाहिए। हम पिछड़े हैं इस बात को नीति आयोग ने जब स्वीकार कर लिया है तो फिर हमारी तुलना विकसित राज्यों से क्यों की जा रही है ? मंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि आज की जरूरत है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले।
गौरतलब है कि,इससे पहले बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने विशेष राज्य के दर्जा की मांग को गलत करार दिया था। रेणु देवी ने कहा था कि जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बिहार सरकार को विशेष राज्य के दर्जे से ज्यादा मदद दे रही है तो फिर इस मांग का क्या औचित्य है?
वहीं, उपमुख्यमंत्री के बयान के बाद सोमवार को जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार को विशेष दर्जा मिलना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर कोई इसके खिलाफ बोलता तो हो सकता है कि उसे समझ नहीं होगी। बात ही नहीं समझा होगा। नहीं जानता होगा। हमारे यहां किसी को कोई बात की जानकारी नहीं है तो ये सब बात नहीं बोलनी चाहिये।