पटना : धारा 370 के खात्मे पर संसद की मुहर के बाद एनडीए में जदयू के तेवर नरम पड़ गए हैं। बुधवार को जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा कि धारा 370 जदयू के लिए विवादित मुद्दा था। हमने इसका पुरजोर विरोध किया। संसद में अपनी बात रखी। लेकिन अब यह समाप्त होकर एक नया कानून बन गया है। ऐसे में अब यह पूरे देश का कानून हो गया। इसे जदयू स्वीकार करता है, आइए हम सभी इसे स्वीकारें और आगे बढ़ें।
जदयू नेता ने कहा कि नए कानून का सबको पालन करना चाहिए। जदयू धारा 370 को हटाने के पक्ष में नहीं था। जदयू ने राज्यसभा और लोकसभा में अपनी बात रखी। जब एनडीए में हम शामिल हुए थे, तभी जार्ज फर्नांडीज ने अटल जी के सामने यह स्पष्ट कर दिया था कि जदयू धारा 370, समान नागरिक संहिता, धारा 35-ए और राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा से अलग राय रखता है। अब चूंकि संसद ने बहुमत से अपना निर्णय दिया और कानून बन गया तो हम भी उसका पालन करेंगे।
न्यूनतम साझा कार्यक्रम की जरूरत नहीं
जदयू नेता आरसीपी ने यह भी स्पष्ट किया कि आज भाजपा के पास अपना स्पष्ट बहुमत है। इसलिए एनडीए में न्यूनतम साझा कार्यक्रम की कोई जरूरत नहीं है। अटल जी की सरकार में कई पार्टियां शामिल थीं। चूंकि उस समय भाजपा को बहुमत नहीं था, इसलिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया गया। आज भाजपा के पास अकेले ही 303 सांसद हैं। बिहार में भी हम भाजपा के साथ काम कर रहे हैं। यहां भी कोई न्यूनतम साझा कार्यक्रम नहीं है। असल बात यह है कि हमें राष्ट्रहित और राज्यहित में आगे बढ़ना चाहिए।