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डेंगू से कराह रहा कंकड़बाग, हर मुहल्ले में एक—दो बीमार

पटना : एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी होने का गौरव रखने वाला कंकड़बाग डेंगू के डंक से कराह रहा है। राजधानी पटना में पिछले कुछ वर्षों में डेंगू के प्रभाव व प्रसार वाले इलकों के ट्रेंड को देखें तो इस वर्ष समूचा कंकड़बाग डेंगू मच्छरों के निशाने पर है। पिछले साल उनका निशाना बाजार समिति और महेन्द्रू के इलाके थे। इस वर्ष पटना में अबतक चिह्नित कुल डेंगू मरीजों में 50 फीसदी कंकड़बाग इलाके के ही हैं। यह संख्या और भी बढ़ सकती है क्योंकि यहां हर दूसरे—तीसरे घर में बुखार से एक मरीज पीड़ित है।

कंकड़बाग क्यों बना डेंगू का निशाना

दरअसल डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारियों का प्रमुख कारण गंदगी और जलजमाव है। घर—घर से कूड़े का उठाव निजी एजेंसी और निगम के बीच डोल रहा है। कभी यह रफ्तार पकड़ता है तो कभी ठप पड़ जाता है। ऐसे में बारिश के पूर्व से ही कंकड़बाग अंचल में जगह—जगह गंदगी के अंबार जमा हो गए। उसपर बारिश, वाटर लॉगिंग और मोहल्ले से निकलने वाले पानी की निकासी के लिए नगर निगम के पास ठोस व्यवस्था का अभाव। इन सबने मिलकर डेंगू जनित लारवा और मच्छरों का प्रकोप बढ़ा दिया। डा. शांति राय की क्लीनिक के बगल वाले मुहल्ले में रहने वाले प्रमोद दत्त जी ने बताया कि विभिन्न वार्डो में महीनों तक बारिश का पानी जमा रहता है। ऐसे में डेंगू नहीं फैले तो आश्चर्य ही होगा।

क्या कहना है डाक्टरों का इस बारे में

डाक्टरों का कहना है कि डेंगू का कोई ईलाज नहीं है, लेकिन यदि थोड़ी सावधानी बरती जाए तो यह जानलेवा भी नहीं है। बाजार समिति निवासी व कंकड़बाग में क्लिनिक चलाने वाले डाक्टर राजीव का कहना है कि इसके लिए सबसे बेहतर यह होगा कि मच्छररोधी दवा का बरसात के दिनों में नियमित छिड़काव किया जाए। जमे हुए पानी की बेहतर निकासी की व्यवस्था की जाए। साथ ही निगम की तरफ से भी पूरे बरसात के दौरान हर तीन दिन पर पूरे पटना में एक साथ फॉगिंग कराई जाए। हम भी अपने स्तर से पानी जमा न होने दें तथा अपने घरों के आसपास हर दो दिन पर आगे—पीछे डीडीटी का छिड़काव करें तो आसानी से डेंगू से बचा जा सकता है।