डॉक्टरों की मांग जायज, केंद्र सरकार इनकी मांगों पर कर रही विचार : चौबे

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पटना : स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर बिहार के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल के कारण राज्य के अस्पतालों में मरीजों को खासा तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच अरे परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्री परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्रीने कहा कि डॉक्टरों की मांग जायज है और केंद्र सरकार इनकी मांगों पर विचार कर रही है।

अश्विनी कुमार चौबे ने डॉक्टर से अपील किया है कि वे काम पर लौट आये। यह कोविड-19 की घड़ी है और नए सरकार का गठन तुरंत हुआ है। इस कारण थोड़ा विलंब हुआ है लेकिन सरकार इस कार्य में लगी हुई है। उनकी मांग पर सरकार विचार कर रही है। सरकार उनकी मांगों को देने के लिए कटिबद्ध है। जल्द ही डॉक्टरों की मांग पूरी होगी। वे काम पर लौट आये।

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शल्य चिकित्सा भी आयुर्वेद के क्षेत्र में

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा को केंद्र और बिहार सरकार दोनों मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं। शल्य चिकित्सा भी आयुर्वेद के क्षेत्र में आते हैं। हमारी सरकार तन मन धन से साथ आयुर्वेदिक पद्द्यति को आगे बढ़ा रही हैं। इसलिए आयुर्वेद डॉक्टर निश्चिंत रहें। एलोपैथ आवश्यक है। लेकिन आयुर्वेदिक जरूरी है। इसकी प्राचीन काल से ही आवश्यकता रही है। कोविड-19 में आयुर्वेद में अपना काम किया है। आयुर्वेद से बनाई गए दवाइयां कोरोना के दौरान काफी काम आए हैं। हर इंसान के लिए स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना है इसमें एलोपैथ और आयुर्वेद दोनों स्थान होगा।

दरअसल जानकारी हो कि 5 साल पहले सरकार द्वारा नियम बनाया गया था कि जूनियर डॉक्टर और इंटरनेट के स्टाइपेंड का हर 3 साल पर पुनरीक्षण किया जाएगा, मगर अब तक नहीं हुआ है। जिसके बाद पिछले 3 दिनों से बिहार राज्य के जूनियर डॉक्टर और इंटर्न हड़ताल पर हैं। जिसके कारण बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। इमरजेंसी सेवा और कोरोना बाढ़ की सेवाएं चालू रखी गई है।

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