दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा तेज है। दिल्ली में सरकार बनाने के इरादे से भाजपा काफी जोड़तोड़ में लगी हुई है। बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी एक इंटरव्यू मं यह दावा कर चुके हैं कि बीजेपी इस चुनाव में 47 से ज्यादा सीटें जीतने जा रही है। मगर उस समय भाजपा की स्थिति मनोज तिवारी के दावों के बिल्कुल विपरीत थी. लेकिन सीएए के नाम पर विपक्ष के रवैये के कारण भाजपा को पांच से सात सीटें ज्यादा मिल रहीं हैं।
दिल्ली चुनाव को बारीकी से देख रहे लोगों का कहना है कि भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवक सुबह-शाम शाखा लगाने के बाद ड्राइंग रूम में बैठकर मीटिंग कर रहे हैं। मीटिंग के दौरान यह बता रहे हैं कि सिर्फ बिजली-पानी से ही जीवन नहीं है। वोट देते समय इसका जरूर ध्यान रखें। इसके साथ ही घरेलू कामगारों के साथ विशेष बैठक कर रहे हैं।
संघ के पदाधिकारियों का उद्देश्य सौ प्रतिशत वोटिंग करवाना है क्योंकि दुर्गावाहिनी महिलाओं से संपर्क कर वोट करने की अपील कर रही हैं। इसके अलावा 25-25 संघ के स्वयंसेवक बूथ स्तर पर बैठक कर रहे हैं। दिल्ली में लगभग प्रतिदिन 1900 शाखा लगती हैं। शाखा से निकलने के बाद स्वयंसेवक अपने-अपने मोहल्ले में बैठक करते हैं।
भाजपा अपने स्टार प्रचारकों के अलावा पार्टी के पूर्वांचल से आने वाले मनोज सिन्हा, गिरिराज सिंह, महेंद्र नाथ पाण्डेय, नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे जैसे कद्दावर नेता डोर टू डोर कैम्पेन में लगे हुए हैं। वहीँ राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा शाहीनबाग़ को लेकर विपक्ष को घेरने में काफी सफल होते दिख रहे हैं।
झारखण्ड में पार्टी प्रदेश के नेताओं पर भरोसा कर सत्ता की चाबी गिफ्ट करने के बाद भाजपा आलाकमान दिल्ली चुनाव में हर चीज पर बारीकी से नजर रखे हुए है, पार्टी अध्यक्ष नड्डा प्रतिदिन चुनाव प्रचार अभियान का फीडबैक खुद ले रहे हैं और गृह मंत्री अमित शाह हर पहलू पर गहरा अध्ययन कर रहे हैं।
दिल्ली में बीजेपी सभी को चौंका सकती है क्योंकि इस बार मुकाबला एकतरफा नहीं टक्कर का है। बता दें कि 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होंगे। वहीं 11 फरवरी को चुनाव के नतीजे आएंगे।