पाठकों के बेहतर यादों के साथ पाँच दिवसीय दिल्ली पुस्तक मेला का समापन

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नई दिल्ली : भारत की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के प्रगति मैदान में लगा पाँच दिवसीय दिल्ली पुस्तक मेला पाठकों के बेहतर यादों के साथ सम्पन्न हो गया। भारत हमेशा से कला, संस्कृति, विविधता, एकता, जिजीविषा का परिचायक रहा है और यहाँ पुस्तक संस्कृति बहुत समृद्ध रही है। ऐसा ही इस बार भी दिखा दिल्ली बुक फेयर में जहाँ हजारों पाठक प्रतिदिन पुस्तक मेले का आनंद लेते और मनपसंद पुस्तकें खरीदने दिखे।

दिल्ली पुस्तक मेला में केवल एक ही तरह का नहीं बल्कि कुल तीन मेले सम्मिलित रहे। दिल्ली पुस्तक मेला का यह 27वाँ संस्करण था और इस तरह इस मेले में 27वें दिल्ली पुस्तक मेला के साथ ही 23वाँ स्टेशनरी मेला और 7वाँ ऑफिस ऑटोमेशन-सह-कॉरपोरेट उपहार मेला भी शामिल था। यानि की पाठकों को एक साथ तीन तरह के मेले एक ही स्थान पर मिल गए। मेले में प्रवेश निःशुल्क था और प्रातः 10 बजे से शाम 7 बजे तक प्रवेश किया जा सकता था।

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इस बार पुस्तक मेले की थीम “राष्ट्र निर्माण में पुस्तकें” थी जिसका उद्देश्य राष्ट्र के हर नागरिकों को पुस्तकप्रेमी बनने का संदेश निहित था। मेले का आयोजक भारत सरकार के उपक्रम आईटीपीओ यानि इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाईजेशन और सह आयोजक एफआईपी यानि द फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स था। मेले के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन सुप्रीम कोर्ट है जो कि दिल्ली मेट्रो के ब्लू लाइन पर अवस्थित है।

29 जुलाई 2023 को शुरू हुआ यह मेला 02 अगस्त 2023 को पाठकों को यादगार पलों के साथ सम्पन्न हो गया। प्रकाशकों ने पाठकों से पुनः मिलने का वादा किया। मेले में भारत सरकार के कई विभागों के भी स्टॉल लगे हुए थे जिसके द्वारा सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही थी। अगले महीने सितम्बर में जी-20 की बैठक इसी प्रगति मैदान के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होना है और यह भारत के लिए बहुत बड़ा वैश्विक आयोजन होगा, इस कारण पूरे मेले में जी-20 की झलकियां देखने को मिली। भारत अभी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करने के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव मना रहा है और इसकी भी प्रतीक मेले में दिखाई दी।

भारत इस वर्ष जी-ट्वेंटी की अध्यक्षता कर रहा है। मेले में बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों, महिलाओं और बुजुर्गों की भी उपस्थिति दिखी। पुस्तकों के स्टॉल के साथ ही विभिन्न स्टेशनरी उत्पादों के स्टॉल्स पर युवाओं और बच्चों की भीड़ दिखी। युवाओं की भीड़ जासूसी उपन्यासों के स्टॉल्स पर भी दिखी। गीता प्रेस गोरखपुर के स्टॉल पर बुजुर्गों और युवाओं में रामचरितमानस, गीता खरीदने और चर्चा होती रही। फूड स्टॉल्स पर बच्चे फास्ट फूड का स्वाद लेते दिखे।

राजधानी नई दिल्ली से सुभाष सिंह यादव की रिपोर्ट 

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