संसद में प्रस्ताव लाकर रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करें : रामभद्राचार्य
नयी दिल्ली/बक्सर : केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संयोजन में दिल्ली के छतरपुर हनुमान मंदिर परिसर में चल रहे विश्वगुरु भारत धर्मयज्ञ एवं सनातन संस्कृति समागम के आज अंतिम दिन धर्म संसद में पदम विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी भी पहुंचे। इस अवसर पर आयोजित धर्मसंसद में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि भारत सरकार को संसद में प्रस्ताव लाकर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले श्री रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कर देना चाहिए।
छतरपुर मंदिर में सनातन संस्कृति समागम का समापन
स्वामी जी ने कहा कि श्री रामचरित मानस में सभी मंत्रों का सार है। जो भी व्यक्ति इसका अपमान करता है उसकी बुद्धि में कचरा भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु था और विश्व गुरु ही रहेगा। स्वामी रामभद्राचार्य जी ने आगे कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और वह भारत के मानचित्र में शामिल होगा। भगवान का आशीर्वाद भारत के साथ है। देश का नेतृत्व अभी यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। उन्होंने अपने नेतृत्व में देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को पूरी दुनिया में आगे बढ़ाने का काम किया है।
दिल्ली के छतरपुर हनुमान मंदिर परिसर में 6 से 10 अप्रैल के बीच आयोजित इस पांच दिवसीय सनातन संस्कृति समागम एवं विश्व गुरु भारत धर्मयज्ञ का आज अंतिम दिन था। इस दौरान भारत के विभिन्न राज्यों से अनेकों प्रतिष्ठित संत-महात्मा पधारे और विश्व गुरु भारत धर्म यज्ञ में शिरकत कर धर्मगुरुओं ने उत्कृष्ट भारत का जयघोष किया। इस सनातन संस्कृति समागम का आयोजन श्रीराम कर्मभूमि न्यास सिद्धाश्रम बक्सर एवं नमो सद्भावना समिति हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।