पटना : बिहार के चूहे बहुत खतरनाक हैं। ये दारू पीते हैं। तटबंधों को काट देते हैं। नहरों के बांध को काट कर बाढ़ ला देते हैं और गुस्सा आने पर फसलों की भारी क्षति भी पहुंचा देते हैं। यही नहीं इनकी गूंज विधानसभा में होती है। सरकार को हिला देते हैं। विपक्ष को मसला देते हैं और अपने कृत्यों से हास्य को बिखेरते हैं।
अर्से बाद फिर विधानसभा में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि चूहों के चलते तटबंधों को नुकसान पहुंचता है। वे इसमें छेद कर देते हैं। नतीजा, तटबंध कमजोर हो जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देनी ने पहले ही कह दिया था कि बाढ़ और तटबंधों पर सवाल करने पर सरकार चूहों का कारण बता देती है।
चूहे कोई नया सुर्खिर्यों में नहीं हैं। जब राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह जल संसाधन मंत्री थे, तब एक नहर को ही चूहों ने कुतुर दिया था! काट दिया था! लाखों की फसलों की क्षति तो पहुंची ही, करोड़ों की नहर भी ध्वस्त हो गयी थी। जांच हुई और पता चला कि चूहों ने नहर को काट दिया! मामला आया-गया और हो गया।
फिर, एक मामला आया जब शराबबंन्दी के बाद जब्त शराब को थानों के मालखाने में रखा जाने लगा। मालखाना में जगह नहीं होने की वजह से उसे परिसर में ही रखा गया। पटना के पूर्व पुलिस कप्तान मनू महाराज को जानकारी मिली कि जब्त शराब तेजी से गायब हो रहीं हैं। उन्होंने इसकी जांच बैठायी। पता चला कि चूहों ने पेग-दर-पेग बना कर खूब मस्ती की! उसका नशा अभी भी इतना है कि अब वे विधानसभा हिलाने लगे हैं।
(संजय उपाध्याय)