दरभंगा में 34वां पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय युवा महोत्सव शुरू
दरभंगा : मिथिला की हृदयस्थली दरभंगा में आज से पांच दिवसीय 34वां पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय युवा महोत्सव ‘पूर्वोत्सव’ शुरू हो गया। राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने यहां ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के तत्वावधान में डॉ. नागेंद्र झा स्टेडियम में आयोजित पांच दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद कहा कि दरभंगा की सांस्कृतिक विरासत की जीवंतता जगजाहिर है। ऐसे में ‘पूर्वोत्सव’ जैसे आयोजन के लिए संभवतः इससे अच्छा स्थान नहीं हो सकता। दरभंगा एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां के एक हज़ार से भी अधिक वर्षों का इतिहास रिकॉर्ड में है। यहां के हर चीज में कोई ना कोई इतिहास छिपा है।
प्रधान सचिव ने प्रतिभागियों का आह्वान करते हुए कहा कि सभी यहां कलात्मक विधाओं का सर्वोत्तम प्रदर्शन करने आए हैं। प्रदर्शन के दौरान सर्वश्रेष्ठ स्थान पाना ही महत्वपूर्ण नहीं है। प्रतिभागियों को चाहिए कि वे यहां पूर्वी भारत से आए तमाम प्रतिभागियों से समन्वय स्थापित करें और उनसे कुछ ना कुछ सीखने की कोशिश करें। उन्होंने प्रतिभागियों को हर समय निर्णायकों के निर्णय को शिरोधार्य करने की क्षमता विकसित करने की सलाह दी।
इस प्रतियोगिता के लिए एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के पर्यवेक्षक डॉ. एस परमेश्वरन ने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियों का लंबे समय से केंद्र बिंदु रहे मिथिलांचल ने पूर्वोत्सव के आयोजन के लिए अच्छे इंतजाम किए हैं। उन्होंने आशा जताई कि प्रतिभागियों को यहां अपना प्रदर्शन करने का अच्छा माहौल मिलेगा। समारोह में अतिथियों का स्वागत ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति ने किया।
आयोजन समिति के सचिव डा. अजय झा ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महोत्सव में फाईन आर्ट, थियेटर, समूह गान, व्यक्ति गान, साहित्यिक समेत कुल 27 ईवेंट होंगे। बिहार के चार विश्वविद्यालयों वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, बी. आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय और आयोजक ललित नारायण विश्वविद्यालय के अलावे झारखंड के केन्द्रीय विश्वविद्यालय, रांची विश्वविद्यालय, विनोद विहारी महतो विश्वविद्यालय, धनबाद के बिनोवा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, राँची के अलावे गुवाहाटी विश्वविद्यालय, गुवाहाटी, डिब्रुगढ़ विश्वविद्यालय, डिब्रूगढ़, मणिपुर विश्वविद्यालय, मणिपुर, काँटन यूनिवर्सिटी समेत कुल 16 विश्वविद्यालयों के प्रतिभागी शामिल हुए हैं।
डा. शंकर कुमार लाल
(लेखक समाजशास्त्र विभाग, काशी—हिंदू विवि, वाराणसी में पोस्ट डॉक्टोरल फेलो हैं)