पटना : चुनावी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही लालू कुनबे की आपसी रंजिश भी खुलकर सामने आने लगी है। चुनाव प्रचार में लालू के दोनों सुपुत्र पक्ष—विपक्ष की भांति आपस में ही पब्लिकली तू-तू, मैं-मैं करने लगे हैं। शुक्रवार को अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये तेजप्रताप यादव ने अपने ससुर चन्द्रिका राय पर पलटवार करते हुए उन्हें ‘बहरूपिया’ करार देते हुए सारण की जनता से उन्हें वोट न देने की अपील की।
दरअसल, पूरा मामला पिछले दिनों सारण में चन्द्रिका राय की सभा में उनके तेजप्रताप पर दिए गए बयान के बाद सामने आया। सारण लोकसभा क्षेत्र से अपने ससुर चन्द्रिका राय को महागठबंधन उम्मीदवार बनाये जाने से तेजप्रताप नाराज चल रहे हैं। इसबीच कल प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव की मौजूदगी में चन्द्रिका राय ने कहा कि तेजप्रताप नाराज नहीं हैं, और वो हमारे साथ हैं। उन्होंने तेजप्रताप यादव और ऐश्वर्या राय के रिश्तों में आई खटास पर कहा कि उस दिन मुर्ख दिवस था। वो सब बातें तेजप्रताप द्वारा यूँ ही कही गई थी। वे यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि चुनाव में पारिवारिक विवाद का कोई स्थान नहीं।
हालाँकि चन्द्रिका राय की सारी बातें तब हवा हो गईं जब तेजप्रताप यादव के द्वारा पहले ट्विटर फिर फेसबुक के माध्यम से उनकी बातों पर कटाक्ष किया गया। तेजप्रताप यादव ने चन्द्रिका राय की बातों को सिरे से ख़ारिज करते हुए ट्वीट किया “मीडिया में जो खबरें चलाई जा रही हैं, वह बिलकुल बेबुनियाद और फेक हैं। तलाक पर मेरा फैसला अडिग है। चुनावी लाभ के लिए राजद के सारण प्रत्याशी द्वारा गलत बयान दिया जा रहा है। अपने फायदे के लिए वे मीडिया में गलत बयान दे रहे हैं। मैं इनके बयान का पूर्ण रूप से खंडन करता हूँ।
वहीँ आज फेसबुक पर पोस्ट करते हुए उन्होंने चन्द्रिका राय को बहुरूपिया तक कह दिया। तेजप्रताप ने कहा कि सारण की जनता से हाथ जोड़कर अपील की कि वो राजद प्रत्याशी को वोट न करें। यह सीट मेरे पिता लालू प्रसाद यादव की रही है। इस परंपरागत सीट से कोई बाहरी व्यक्ति, जो परिवार का सदस्य नहीं है, इस बहुरूपिया को अपना कीमती वोट न दें। वह सारण की जनता को ठगने का काम कर रहा है। यह व्यक्ति गिरगिट की तरह रंग बदलता है। अतः आपसे पुनः पुरजोर आग्रह करता हूँ कि अपना मूल्यवान वोट इस नौटंकीबाज़ एवं झूठे प्रत्याशी को न दें।
मालूम हो कि तेजप्रताप यादव इस चुनाव में बागी की भूमिका में काफी बड़ा रोल निभा रहे हैं। फिर चाहे जहानाबाद और शिवहर में राजद से अलग हटकर अपने उम्मीदवार को समर्थन देना और चुनाव प्रचार करना हो या फिर छोटे भाई तेजस्वी यादव पर लगातार तंज कसते रहना। हाल के बयान में उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी 2-3 सभा कर के ही थक जाते हैं जबकि लालूजी 10-12 सभाएं तक कर दिया करते थे । उनका असली उतराधिकारी मैं हूँ। चुनावी समर में इस आपसी कलह से जूझ रहा महागठबंधन लालू यादव की अनुपस्थिति में गजब हिचकोले खा रहा है। क्या प्रदर्शन होता है इस चुनाव में, यह तो 23 मई को ही पता चलेगा।
सत्यम दुबे