पटना : राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने विधानसभा शताब्दी समारोह में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अनुपस्थिति पर भाजपा नेता सुशील मोदी द्वारा किए गए ट्वीट को उनके दलित विरोधी मानसिकता का उपज बताते हुए उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा है। अपने दलित बिरोधी सोच और संस्कार की वजह से ही सुशील मोदी जैसे लोग देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे हुए महान व्यक्तित्व को भी उसके जातीय परिधि से बाहर नहीं देखना चाहते।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि देश के सर्वोच्च सम्मानित पद को जाती के संकुचित दायरे में बाँध कर सुशील मोदी ने न केवल राष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है, बल्कि उनके इस आचरण से दलितों की भावनाएं भी आहत हुई है। वे वैसा महसूस कर रहे हैं कि अपनी योग्यता और कर्मठता के बल पर वे भले हीं शिखर पर पहुंच जायें पर सुशील मोदी जैसे लोग उन्हें उनके पूर्व के सामाजिक दायरे से बाहर नहीं निकलने देंगे और आने वाली पीढियां भी सामाजिक रूप से दलित ही मानी जायेगी।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री वर्तमान में राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आना राज्य के लिए गौरव की बात है। वे बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं। उनकी गरिमामय उपस्थिति वाले समारोह में अनुपस्थित रहकर नेता, प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने दलित समाज से आने वाले एक अतिशालीन व्यक्ति का अपमान किया। वे नीतीश सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे।