साइबर ठगों के निशाने पर बिहार के गांव—शहर, क्या है फ्रॉड का ट्रेंड? कैसे करें बचाव?

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पटना : कहते हैं तकनीक विकास का पहिया है। पर जब इसी तकनीक का उपयोग गलत उद्देश्यों के लिए किया जाने लगे तो यह परेशानी का सबब भी बन जाता है। इसका नमूना हम हाल के वर्षों में अचानक बढ़ते साइबर क्राइम के मामलों में देख सकते हैं। डिजिटल इंडिया के इस दौर में अपराधी भी डिजिटल हो गए हैं। आमलोगों में तकनीकी दांवपेंच की कम समझ ने इन अपराधियों के लिए खेल और भी आसान बना दिया है। बिहार जैसे पिछड़े राज्य में भी इन्टरनेट छोटे शहरों और गांवों तक पैर पसार चुका है। ऐसे में साइबर ठगी के मामले भी बढ़ने लगे। साइबर क्राइम के ट्रेंड से खुलासा हुआ कि मोबाइल एप से लेकर सोशल मीडिया, बैंकिंग, लॉटरी, जॉब्स, ऑनलाइन-शॉपिंग और एटीएम-वालेट्स तक, हर जगह इन धोखेबाजों ने अपना जाल बिछा दिया है।

आॅनलाइन खरीदारी  साइबर फ्रॉड के टार्गेट पर

साइबर क्राइम के ट्रेंड से यह पता चलता है कि आजकल साइबर अपराधी धोखाधड़ी में एक खास तरीके ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। अब ऑनलाइन का जमाना है। सुई से लेकर कार तक, सब कुछ आज कल लोगों को online ही चाहिए। और चाहिए भी क्यों न, हर हाथ में मोबाइल है। app/website खोलिए और 2-4 क्लिक में सामान आपके घर पर। लोगों की इसी चाहत को साइबर अपराधी अपना मकसद पूरा करने में इस्तेमाल कर रहे हैं।

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साइबर ठगों के निशाने पर आपका मोबाइल एप

साइबर हमलों का नया निशाना आपके मोबाइल apps बन रहे हैं। हैकर apps के द्वारा आपके फ़ोन में मौजूद आपकी निजी जानकारियों एवं गतिविधियों पर नजर रखते हैं। और फिर उन सूचनाओं का इस्तेमाल कर वे धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं। आपको तत्काल पता भी नहीं चलता तथा कोई जबर्दस्त चूना लगा चुका होता है।

बचाव के लिए क्या करें

1. एंटी—वायरस जरुर रखें। बिना एंटी—वायरस वाले फ़ोन में कोई भी संदिग्ध app इंस्टाल न करें। नेट बैंकिंग का इस्तेमाल न करें।
2. app गूगल प्ले स्टोर या विश्वसनीय जगह से ही डाउनलोड करें। संदिग्ध लिंक कभी न खोलें, चाहे कितना ही लुभावना और अधिकृत क्यों न लगे। chinese apps जैसे uc browser का इस्तेमाल बंद करें। google क्रोम का उपयोग करें।
3. app इंस्टाल के समय आपसे आपके फ़ोन के कॉल्स/मैसेजिंग/फाइल स्टोरेज/जीपीएस के इस्तेमाल के लिए इजाजत मांगते हैं। अगर ये इजाजत जायज और जरुरी लगे तभी दें, अन्यथा अस्वीकार कर दें। किसी भी app को कभी भी एडमिन राइट्स न दें। इसके दुष्परिणाम बहुत घातक हो सकते हैं। उदहारण के लिए–फेसबुक आपके फ़ोन कॉल्स और कॉन्टैक्ट्स निरंतर अपने सर्वर पर सहेजता है। अगर कभी आपका फेसबुक हैकरों के हाथ लग गया तो आप की सारी जानकारी उनके पास चली जाएगी।
4. सिर्फ https वाले वेबसाइट्स ही खोलें, ब्राउज़र में यह जरुर चेक करें।
5. अनजान नम्बरों से आये फ़ोन कॉल्स पर कोई भी निजी जानकारी न दें, फिर चाहे वह खुद को आरबीआई का गवर्नर या पुलिस का मुखिया ही क्यों न बताये। नंबर को truecaller app पर भी जांचें।
6. व्हाट्सएप/फेसबुक पर साझा किये गए लिंक्स को पुष्टि करने के बाद ही खोलें। हर लिंक्स को खोलने की कोई आवश्यकता भी नहीं। किसी भी अनजान नंबर से आई फाइल को न खोलें। फेसबुक पर मौजूद गेम्स/एप को अपने प्रोफाइल का आधिकार कतई न दें। इनका इस्तेमाल न ही करें तो बेहतर।
7. हम समझते हैं कि देश में बेरोजगारी चरम पर है। पर किसी भी जॉब वैकेंसी में अप्लाई करने से पूर्व उस जॉब की जांच जरुर कर लें।
8. phonepe/paytm/bhim जैसी सर्विसेज ने बेशक वित्तीय लेनदेन बेहद आसान कर दिया है। लेकिन इन पर भी सिर्फ अधिकृत विक्रेताओं से ही संपर्क करें।
9. हमेशा कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट या नम्बरों पर ही संपर्क करें। ध्यान रखें कि गूगल पर पायी गयी हर जानकारी सही नहीं होती।
10. अग्रिम भुगतान ही एकमात्र विकल्प नहीं है। इ-कॉमर्स साइट्स (जैसे ओएलएक्स) पर सामान अपने हाथों से जांच कर ही पैसे दें। आजकल IMPS/UPI/वॉलेट से तुरंत पैसे दिए जा सकते हैं।
11. एटीएम पर सतर्क रहें, किसी को भी अपना पिन न बताएं। अनजान व्यक्ति को एटीएम न दें एवं दुकानों में कैशलेस भुगतान के समय अपने एटीएम कार्ड्स को आंखों से ओझल न होने दें वरना वे डुप्लीकेट एटीएम बना सकते हैं।
12. बैंकों में मोबाइल नंबर जरुर रजिस्टर कराएं तथा एसएमएस अलर्ट एक्टिव रखेंं। अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर गोपनीय रखें तथा रद्द किये गए चेक पर हस्ताक्षर न करें।

ये सावधानियां भी ध्यान में रखनी जरूरी

इन तरीकों के अलावा ऑनलाइन-दुनिया में अपनी गोपनीयता पर पकड़ बनाये रखें। अपनी किसी भी जानकारी को सोच समझ कर ही साझा करें। फेसबुक पर अपनी हर गतिविधि और दिनचर्या का उल्लेख न करें। अपने नंबर को छिपा कर रखें। अपने निजी फोटो को सार्वजानिक करने से बचें।

ये कुछ जानकारियां हैं जिनसे आप ऑनलाइन धोखाधड़ी से बच सकते हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी के नित नए तौर तरीकों को जानने एवं उनसे बचने के लिए https://nofraud.in वेबसाइट तथा इनके फेसबुक पेज का नियमित अनुसरण कर सकते हैं।

                               गौरव कुमार
(लेखक साफ्टवेयर तकनीक के जानकार हैं। इनसे आप कम्प्यूटर संबंधी                                                    कोई भी जानकारी/सेवा ले सकते हैं। मो—7004948503)

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