मोदी विरोध पर क्रॉस वोटिंग Strike, मुर्मू को मिले वोट ने दिखाई विपक्ष की औकात

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नयी दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव नतीजे ने भारत में मोदी विरोध के नाम पर विपक्षी एकता की सारी हेकड़ी गायब कर दी है। भाजपा शासित राज्यों की छोड़ें, ममता और लेफ्ट शासित बंगाल और केरल में भी एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को मत पड़े। क्रॉस वोटिंग से भारत की कोई भी विपक्षी पार्टी बच नहीं सकी। बड़ी बात यह कि भाजपा जिन राज्यों में सत्ता में नहीं, वहां भी श्रीमती मुर्मू को बंपर वोट मिला। आंकड़ों को देखें तो 17 विपक्षी सांसदों और 126 विपक्षी विधायकों ने पार्टी के आदेश के बावजूद यशवंत सिन्हा को वोट न देकर द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया।

कांग्रेस विधायकों ने सभी राज्यों में की क्रॉस वोटिंग

कांग्रेस के विधायकों ने असम, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड समेत तमाम राज्यों में आलाकमान के आदेश को धता बता दिया। सबसे ज्यादा असम में 22 विधायकों ने पार्टी लाइन से अलग हटकर द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। मध्य प्रदेश में 19, महाराष्ट्र में 16, यूपी में 12 ऐसे विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया जिनकी पार्टी ने यशवंत सिन्हा के समर्थन का ऐलान किया था।

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ममता से लेकर लेफ्ट तक, सभी में लगी सेंध

गुजरात और झारखंड में 10—10 कांग्रेस विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया जबकि छत्तीसगढ़ और बिहार में 6—6 विधायकों ने वोटिंग में अंतरात्मा की आवाज सुन ली। कांग्रेस का मजबूत किला राजस्थान में भी गहलोत के 5 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर मुर्मू को वोट दिया। बंगाल में ममता का एक विधायक भी मुर्मू के पाले में चला गया जबकि कहा जा रहा है कि वहां तृणमूल के 4 विधायकों ने वोटिंग के दौरान मुर्मू के समर्थन में जानबूझ कर अपना वोट ही इनवैलिड करा दिया। लेफ्ट शासित केरल में भी श्रीमती मुर्मू को वोट मिला जिससे भाजपा काफी उत्साहित है।

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