मनरेगा के तहत लगभग 11 करोड़ मानव दिवस का सृजन

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राज्य के 7 हजार 747 पंचायतों में 5 लाख 30 हजार से अधिक मजदूर मनरेगा में हैं कार्यरत

पटना: राज्य में चालू वित्तीय वर्ष के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने 12 करोड़ से अधिक मानव दिवस सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके विरूद्ध लगभग 11 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है। 9 सितम्बर 2020 तक 10 करोड़ 91 लाख 93 हजार 239 मानव दिवस का सृजन हो चुका है, जो लक्ष्य के विरूद्ध 89 प्रतिशत है ।

गत वित्तीय वर्ष में अगस्त माह तक सृजित किये गये मानव दिवस की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष के अगस्त माह तक लगभग डेढ़ गुणा मानव दिवस का सृजन किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 14 लाख 80 हजार 483 इच्छुक व्यक्तियों के लिए 11 लाख 48 हजार 747 नये जाॅब कार्ड निर्गत किये गये हैं, जिनमें क्वारंटाइन शिविरों के 2 लाख 90 हजार 966 मजदूरों के लिए 2 लाख 23 हजार 105 जाॅब कार्ड सम्मिलित हैं।

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मनरेगा के तहत 4 लाख 98 हजार 817 योजनाएं संचालित की गयी , जिनमें 7 हजार 727 सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माण से संबंधित लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान की योजनाएं हैं । नौ सितंबर तक 3 लाख 29 हजार 341 योजनाएं कार्यरत थी जिसमें 5 लाख 31 हजार 128 मजदूर कार्यरत थे । 18 अगस्त, 2020 के बाद लगभग 20 दिनों में 2958 योजनाएँ आरंभ की गई है। 2 लाख से अधिक अन्य मनरेगा मजदूरों को कार्य से जोड़ा गया है ।

ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मनरेगा के तहत वर्तमान में चालू योजनाओं में से व्यक्तिगत अथवा निजी भूमि पर ली गई योजनाओं की संख्या 3 लाख 15 हजार 114 है । जिसमें 3 लाख 63 हजार 695 मजदूर कार्यरत हैं। उसी प्रकार जल संरक्षण/सुक्ष्म सिंचाई/परंपरागत जल संरचनाओं से संबंधित 2 हजार 177 योजनाएँ कार्यरत हैं, जिनमें 25 हजार 325 मनरेगा मजदूर काम कर रहे हैं । सार्वजनिक भूमि पर 7 हजार 77 वृक्षारोपण की योजनाएँ संचालित हैं, जिनमें 16 हजार 558 मजदूर संलग्न है। इसके अतिरिक्त 4 हजार 973 अन्य प्रकार की योजनाओं में 1 लाख 25 हजार 550 मजदूर कार्य कर रहे हैं ।

श्रवण कुमार ने कहा कि इस वर्ष मनरेगा के माध्यम से विभाग निश्चित तौर पर आशातीत सफलता प्राप्त करेगा। राज्य द्वारा सम्यक विचारोपरांत एवं उपलब्धि तथा आवश्यकता को देखते हुये ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार को राज्य के लिए स्वीकृत 18 करोड़ मानव दिवस को बढ़ाकर 30 करोड़ 28 लाख करने का प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि केन्द्र सरकार राज्य की उपलब्धि को देखते हुए हमारे अनुरोध पर विचार कर श्रम बजट में वृद्धि करेगी ।

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