भारत समेत दुनिया के और भी हिस्सों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बिच एक चिंताजनक बात सामने आई है। जनरल ऑफ़ एलर्जी क्लिनिक्ल इम्यूनोलॉजी इन प्रैक्टिस में प्रकाशित हुए एक रिसर्च के अनुसार कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के 6 महीने बाद अस्थमा ग्रषित बच्चों में उनकी सेहत को लेकर समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
62,000 बच्चों पर हुई रिसर्च का दवा
इस रिसर्च में अमेरिका के 62,000 बच्चों को शामिल किया गया। इस रिसर्च में शामिल सभी बच्चें पहले से अस्थमा से पीड़ित थे। वैज्ञानिकों ने पाया की कोरोना संक्रमण के 6 महीने बाद इन सभी बच्चों में अस्थमा की समस्या कई गुणा बढ़ गई। इन बच्चों को बार – बार अस्पताल जाने की जरूरत भी पड़ी। वहीं कुछ बच्चों को इमरजेंसी वार्ड में इनहेलर और सेट्रोइड्स का इस्तेमाल भी करना पड़ा।
वही दूसरी ओर,कैलिफ़ोर्निया के चिल्ड्रेन्स हेल्थ ऑफ़ ऑरेंज काउंटी की डॉक्टर क्रिस्टीन चाऊ का कहना है कि अस्थमा ग्रसित जिन बच्चों की रिपोर्ट नेगेटिव आई उनकी सेहत में 6 महीने के अंदर सुधर पाया गया। यानि अस्थमा की समस्या को ले कर ना तो उन्हें बार-बार अस्पताल जाने की जरूरत पड़ी और ना ही उन्हें स्टेरॉइड्स लेने की जरूरत पड़ी।
पहले के रिसर्च में आय थे विपरीत नतीजे
इस रिसर्च में शामिल वैज्ञानिकों का कहना है इससे पहले हुई स्टडीज इसके बिलकुल विपरीत हैं। आपको बता दें कि,पुराने रिसर्च के मुताबिक कोरोना बच्चों में अस्थमा की समस्या को नहीं बढाता है। जबकि नई रिसर्च के मुताबिक SARA COV-2 बच्चों में अस्थमा की समस्या को बढ़ने में सक्षम है। डॉ चाउ आगे कहती हैं कि कोरोना के पहले साल में लॉकडाउन और मास्क ने बच्चों में अस्थमा की समस्या को बढ़ने से रोका साथ ही मास्क के वजह से बच्चे प्रदूषण की चपेट से भी बच गए जिसकी वजह से हेल्थ एक्सपर्ट्स ने ऐसा पाया कोरोना का कोई दुष्प्रभाव अस्थमा पर नहीं पड़ता है।