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कोरोना का जमाती कचरा ढूंढने को PM का नया मिशन, बिहारी IAS को कमान

नयी दिल्ली/पटना : तबलीगी जमातियों द्वारा देशभर में फैलाये गए कोरोना के कचरे का सफाया करने के लिए पीएम मोदी ने नया मिशन लांच किया है। सारे देश से ढूंढ—ढूंढ कर इन कोरोना कैरियर जमाती बेशर्मों को बाहर निकालने के लिए पीएम मोदी ने जिस टीम का गठन किया है उसका सेनापति बिहार के ही एक आईएएस बेटे को बनाया है। यह टीम काफी खतरनाक बन गए इन गलत माइंडसेट वाले जमातियों को ढूंढने के अभियान पर लग भी गई है।

वरिष्ठ आईएएस सीके मिश्रा कर रहे टीम का नेतृत्व

पीएम मोदी के ‘मिशन कोरोना’ की इस खास टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सीके मिश्रा को दी गई है। सीके मिश्रा फिलहाल केंद्र सरकार में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव हैं।

खतरनाका हालात को संभालने की मिली जिम्मेदारी

भारत में कुछ लोगों की गलतियों एवं गलत माइंडसेट के कारण कोरोना खतरनाक हालात पैदा करता जा रहा है। ऐसे में जमातियों के असहयोगात्मक रवैये के चलते कोरोना संक्रमितों एवं उनके संपर्क में आए लोगों को खोज निकालना अत्यंत दुरूह कार्य हो गया है। इसके लिए जिस प्रकार के सर्विलांस या निगरानी की आवष्यकता है, उसे करना अत्यंत कठीन कार्य है। सीके मिश्रा के नेतृत्व वाली टीम को पूरे भारत से कोरोना वायरस संक्रमितों एवं उनके संपर्क में आए लोगों को ढूंढ निकालने की जिम्मेदारी दी गयी है।

कार्यालय को ही बनाया घर, कोरोना संवाहकों की खोज

यही नहीं, इस टीम को इन कोरोना संवाहकों की खोज के बाद उनके इलाज के लिए अस्पताल, आइसोलेषन व क्वारंटाइन सेटर, जांच और मरणासन्न मरीजों के लिए सघन चिकित्सा की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। सीके मिश्रा की टीम चैबीस घंटों में 20 घंटे तक काम कर रही है।

पूरे देश में फैले अपनी टीम और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के नेटवर्क को चार्ज रखने, समीक्षा करने के लिए इस टीम के लोगों ने अपने कार्यालय को ही घर बना लिया है। वे वहीं भोजन, पानी और हल्के आराम के बाद दिन-रात अपने मिशन पर काम कर रहे हैं। थककर चूर हो जाने के बाद कार्यालय में ही छोटी झपकी से ज्यादा की इजाजत नहीं। इस टीम में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद यादव, एम्स के निदेषक डा गुलेरिया के अलावस स्वास्थ्य एवं रक्षा मंत्रालय के कई वरीय अधिकारी भी षामिल हैं।

जमातियों ने बढाई मुश्किल, टीम को शुभकामना

पिछले दिनों निजामुद्दीन में एक ही स्थान पर भारी संख्या में तबलीगी जमात के लोगों के होने की बात सामने आने के बाद कोरोना को लेकर भारत में भयावह स्थिति का पता चला। वहां कई विदेशी कारोना वायरस संक्रमित मिले थे। उनके संपर्क में आए लोग पूरे देश में फैल गए हैं। बिहार में भी दो सौ से अधिक ऐसे लोगों के होने की आषंका है। ऐसे में भारत में कोराना के फैलने से रोकने में इस टीम की अति महत्वपूर्ण भूमिका है।

सीके मिश्रा बिहार के बांका जिले के गांव खरहरा के मूल निवासी हैं। उनके पिता भारत के प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक थे और पटना मेडिकल कालेज में सर्जरी विभाग के अध्यक्ष भी थे। सीके मिश्रा का बचपन पटना मेडिकल कालेज कैम्पस में ही बीता है। इस प्रकार इन्होंने मेडिकल प्रबंधन को नजदीक से देखा है। बिहार की राजधानी पटना व उनके गांव में उनके शुभचिंतक अनुष्ठान व भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि उनके नेतृत्व में उनकी टीम अपने लक्ष्य में सफल रहे।