कोरोना: कम्युनिटी ट्रांसफर रोकने के लिए बिहार मॉडल काफी नहीं, बदलना होगा तरीका

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पटना: राज्य मे 10 दिनों के अंदर कोरोना प्रभावित मरीजों के अप्रत्याशित वृद्धि के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम 2 दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंची है। इसको लेकर लव अग्रवाल के नेतृत्व वाली टीम ने कोरोना के रोकथाम-इलाज सहित इसके अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।

इस दौरान केंद्रीय टीम ने बिहार में कोरोना के वर्तमान हालात से निपटने के लिए कोरोना की जांच के तरीके में बदलाव लाने का निर्देश दिया। केंद्रीय टीम ने कहा कि तरीके में बदलाव लाए बिना हालात में सुधार लाना मुश्किल है। सचिवालय में करीब 3 घंटे तक चली बैठक में केंद्रीय टीम ने राज्य में सरकार द्वारा किए गए उपायों के बारे में भी जाना।

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बिहार को मुंबई व दिल्ली मॉडल अपनाना होगा

केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोविड 19 के रोकथाम को लेकर ट्रैकिंग, ट्रेसिंग व टेस्टिंग पर बल दिया जाए। तथा संक्रमितों को अलग करें, तभी चेन टूटेगी। महाराष्ट्र व दिल्ली ने इसी आधार पर काम किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार की जो स्थिति है वही स्थिति इन दोनों राज्यों में भी थी। इसलिए बिहार को दोनों राज्यों में जो मॉडल लागू है, बिहार को भी वही मॉडल अपनाना होगा।

कम्युनिटी ट्रांसफर से बचने के लिए जांच की संख्या बढ़ानी होगी

बैठक में केंद्रीय टीम ने माना कि बिहार में कोरोना संक्रमण कम्युनिटी ट्रांसफर की स्थिति में नहीं है। लेकिन, कम्युनिटी ट्रांसफर से बचने के लिए बिहार में जांच के तरीके को बदल कर इसकी संख्या बढ़ानी होगी। संक्रमितों को अलग करना होगा तभी स्थिति में परिवर्तन हो सकता है।

बता दें केंद्र सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे ने राज्य को इस संकट से लड़ने के लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराने और संसाधनों की किसी तरह की कमी नहीं छोड़ें जाने की बात कही है। यही बात लव अग्रवाल के नेतृत्व वाली केंद्रीय टीम ने कोरोना से बचाव के लिए जरूरत के अनुसार हर प्रकार की सुविधाओं को मुहैया कराने का आश्वासन दिया।

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