कांग्रेस के 30 साल बनाम 30 साल के पोस्टर ने शुरू की राजनीतिक पहेली सीखाना
भले ही आलाकमान के निर्देश पर कांग्रेस ने महागठबधंन के एकीकृत करने के लिए कोआर्डिनेशन कमिटी में अहम रोल के लिए तैयार हो गया हो पर, कांग्रेस द्वारा जारी पोस्टर वार में आज नीतीश कुमार को टारगेट करते हुए 30 साल बनाम 30 साल का नारा देते हुए एक अलग राग आलापा है।
किसान कांग्रेस प्रकोष्ठ ने राजधानी के सभी मुख्य चैक-चैराहे पर इस पोस्टर को लगा कर बहस तेज करवा दी है कि 30 साल के शासन काल में लालू प्रसाद और नीतीश कुमार का शासन काल ही शामिल है। दूसरे दलों का नहीं।
नेताओं ने काटी कन्नी
इस संबंध में पूछने पर विधान पार्षद प्रेमचन्द्र मिश्र ने कन्नी काट ली। पूर्व मंत्री व विधायक विजय शंकर दुबे ने भी कुछ बोलना उचित नहीं समझा।
राजनीतिक गलियारे में चर्चा यह भी है कि कांग्रेस ने 30 साल बनाम 30 साल का पोस्टर लगा कर क्या साबित करना चाहती है़। क्या उसके निशाने पर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद एण्ड कंपनी दोनों हैं। अगर दोनों ही हैं तब महागठबंधन में कांग्रेस राजद के साथ कैसे है।
पोस्टरों में कांग्रेस ठोक रहा अपनी पीठ
बहरहाल, पोस्टर में कांग्रेस के शासन काल की चर्चा करते हुए कहा गया है कि कांग्रेस काल में सूबे में उद्योग-धंधे की स्थिति, बेरोजगारी तथा अपराध पर नियंत्रण था। सूबा खुशहाल था और लोग आम संकटों से घिरे नहीं थे।
राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा व्याप्त है कि लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के शासन काल में तो कांग्रेस भी उसके साथ रहा है। यह चर्चा किस निष्कर्ष पर पहुंचेगी फिलहाल राजनीतिक पहेली बनी हुई है।