अग्निपथ को लेकर NDA में टकराव, BJP ने नीतीश सरकार की भूमिका पर उठाया सवाल

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पटना : अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में जो बवाल देखने को मिल रहा है उसको लेकर एनडीए में भी टकराव खुलकर सामने आया है। भाजपा के तरफ से अब बिहार में हो रहे उग्र प्रदर्शन को लेकर सीधे तौर पर जदयू के ऊपर हमला बोला गया है। प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने सीधे तौर पर यह आरोप लगाया है कि बिहार में प्रशासनिक मिलीभगत से यह उपद्रव कराया गया है। एक समझी रणनीति के तहत इस हंगामे को हवा दी गई है।

संजय जायसवाल ने कहा कि लगभग 300 पुलिसकर्मी रहते हुए नवादा के भाजपा कार्यालय को जला दिया गया कहीं ना कहीं प्रशासन की स्थिति ठीक नहीं है प्रशासन एक्टिव नहीं रहेगा तो ऐसी घटनाएं बढ़ेगी। कहीं प्रशासन द्वारा उपद्रवियों पर लाठीचार्ज नहीं किया गया,कहीं भी आंसू गैस नहीं चलाए गए। पुलिस कभी भी एक्टिव नहीं दिखी।जबकि भाजपा को टारगेट किया जा रहा है और प्रशासन मौन है।

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संजय जायसवाल ने सबसे बड़ा बयान दिया दिया कि यदि जदयू के लोगों को किसी चीज से एतराज है तो वह मिलकर बात करें इस तरह मौन साधे रहना उचित नहीं है। संजय जायसवाल ने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर सबसे अधिक विरोध देखने को मिल रहा है पिछले 4 दिनों से बिहार के तमाम जिलों में उग्र प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेन, भाजपा नेता और भाजपा कार्यालय, नेता के घर को निशाना बनाकर हमला बोला जा रहा है। विरोधी दलों द्वारा भी अफवाहों का बाजार गर्म किया जा रहा है और छात्रों को भड़काने का काम किया जा रहा है। सुनियोजित व संगठित ढंग से विरोधी दल के द्वारा एक खास एजेंडे के तहत पूरे बिहार को तबाह करने की कोशिश जारी है।

एनसीसी क्या है तो कहते हैं किसी से पूछ कर बताऊंगा

संजय जायसवाल ने अग्निपथ योजना के बारे में क्या किया एक बहुत ही बेहतरीन योजना है उसके खिलाफ कोई भी छात्र आंदोलन नहीं कर सकता है। तेजस्वी यादव है जिन्हें ये योजना मनरेगा योजना योजना लगता है, तो दूसरे राहुल गांधी जी से पूछा गया कि एनसीसी क्या है तो कहते हैं किसी से पूछ कर बताऊंगा। इसका मतलब साफ है कि जो कुछ बिहार में हो रहा है वह छात्रों के द्वारा नहीं हो रहा एक बड़ी साजिश है और प्रशासन की भी इसमें भूमिका है।

केंद्र सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए

इधर, इस पूरे प्रकरण पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शुक्रवार को कहा है कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना की घोषणा के साथ ही बिहार समेत कई प्रदेशों में छात्रों और नौजवानों में आक्रोश का भावना उम्र पड़ा है। जगह जगह हिंसक घटनाएं हो रही है। केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस पर संज्ञान लेना चाहिए। इस योजना पर केंद्र सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए और यदि यह संभव नहीं हो तो फिर छात्रों और नौजवानों को आश्वस्त करना चाहिए कि इससे उनके भविष्य में कोई नुकसान नहीं होने वाला है।

नीतीश की चुप्पी पर सवाल

वहीं, इस पूरे प्रकरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि उनकी पार्टी के नेताओं की ओर से इस स्कीम को लेकर सवाल जरूर खड़े किए गए हैं मगर अभी तक नीतीश कुमार ने इस बाबत कोई भी बयान नहीं दिया है। यहां तक कि उन्होंने राज्य के युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील तक नहीं की है। नीतीश कुमार के इस रवैए को लेकर बिहार के सियासी हलकों में सवाल उठने लगे हैं। माना जा रहा है कि इसके जरिए नीतीश कुमार भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, इस उनका यह दांव गलत साबित हो गया और इसके विपरीत भाजपा ने ही उन पर सवाल उठा दिया।

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