भाषाई, क्षेत्रीय एवं धार्मिक समभाव के अनुपालन मदन मोहन मालवीय

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पटना : भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी का जन्म प्रयाग (इलाहाबाद) में पंडित बृजनाथ और मूना देवी जी के घर 25 दिसंबर 1861 में को हुआ था। आज उनकी 159 जयंती है। इस बीच बिहार की राजधानी पटना स्थित कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस में भारतीय भाषा अभियान, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास (बिहार प्रदेश) के संयुक्त तत्वाधान में “पंडित मदन मोहन मालवीय एवं भारतीय भाषा में न्याय” विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

इस आयोजन कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रधानाचार्य डॉक्टर तपन कुमार शांडिल्य एवं बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के सदस्य विजयकांत दास के नेतृत्व में किया गया।

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इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर आनंद कुमार शंकर ने पंडित मालवीय द्वारा हिंदी को राष्ट्रीय अस्मिता से जोड़कर कार्यालयों एवं न्याय की भाषा के रूप में प्रतिस्थापित करने के आंदोलनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पंडित मालवीय के जीवन दर्शन में भाषाई, क्षेत्रीय एवं धार्मिक समभाव के अनुपालन के अनेक उदाहरणों की चर्चा की जिससे मालवीय जी का उदारवादी व्यक्तित्व उजागर होता है।

वहीं दूसरे वक्ता के रूप में डॉ० दिलीप कुमार ने पंडित मालवीय का पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे मालवीय जी के उद्देश्यों एवं दर्शन की चर्चा की।

इनके अलावा कॉलेज ऑफ कॉमर्स में विधि विभाग के अध्यापक डॉ० विनय कुमार सिन्हा एवं नई दिल्ली अवस्थित सुरेश कुमार ने इस की संगोष्ठी के विषय वस्तु पर अपने विचार रखे।

इस संगोष्ठी में कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस, पटना के डॉ० अनीता सागर, डॉ० राघवेंद्र किशोर, डॉ० संजय कुमार पांडे, डॉ० वैकुंठ राय एवं अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया।

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