आयोग ने माना कोरोना में चुनाव कराना- हरकल्यूनियन टास्क

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सितम्बर के आखिरी सप्ताह तक चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने की उम्मीद है। कल चुनाव आयोग की टीम ने उत्तर बिहार के जिलों में तैयारियों का जायजा लेते हुए असंतोष जाहिर किया। हालांकि बदली हुई चुनाव पद्वति के कारण स्वीकार भी किया कि कोविड-19 के नाम्र्स ने कई पारम्परिक नियमों में बदली तो की ही, कुछ नये को भी जोड़ दिया।

एक जिम्मेवार सूत्र ने बताया कि चुनाव आयोग सभी जिलों से रिपोर्ट आते ही अधिसूचना जारी कर देगी। जिलों से रिपोर्टों के आने का सिलसिला शुरू भी हो गया है। भागलपुर में केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा कि कोरोना काल में चुनाव कराना कोई जंग से कम नहीं। आयोग ने 12 जिलों के एसपी-डीएम से समीक्षा बैठक की।

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डीएम ने दिए पावर प्रजेंटेशन

जिलाधिकारियों ने पावर प्रजेंटेंशन के माध्यम से आयोग को जानकारियों दीं। आयोग ने कहा कि जनसंख्या के आधर पर मतदाता सूची में महिला और पुरूषों की समअनुपातिक प्रतिनिधित्व हो। एक हजार पर कम से कम 880 महिला वोटर होना चाहिए।

नक्सलग्रस्त क्षेत्र में वैकल्पिक बूथों की संख्या

आयोग के सवाल के जवाब में बांका, जमुई, मुंगेर के एसपी डीएम ने कहा कि जहां नक्सलग्रस्त इलाका है अथवा बाढ़ है, वहां वैकल्पिक बूथों की व्यवस्था की गई है। इस दौरान पटना लौटने के क्रम में मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव तथा एडीजी लाॅ एंड आर्डर से मिल कर कर भी स्थितियों का जायजा लिया।

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